राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 18वीं लोकसभा के पहले संसद सत्र को किया संबोधित

 27 Jun 2024  159
 
संवाददाता/ in24 न्यूज़।
18वीं लोकसभा के पहले संसद सत्र के चौथे दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अभिभाषण शुरू हुआ।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित किया और हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में सभी नवनिर्वाचित सांसदों को बधाई दी. इस मौके पर उन्होंने मोदी सरकार की बीते 10 सालों की उपलब्धियों के बारे में भी बताया। 50 मिनट के अभिभाषण के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने कई महत्वपूर्ण मुद्दे का जिक्र किया। हालांकि, राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान विपक्ष ने कुछ विषयों पर अपनी असहमति भी दर्ज कराई, चलिए आपको बताते हैं कि आखिर वो कौन से विषय थे, जिनका जिक्र राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण के दौरान किया है.
पेपर लीक विवाद
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अभिभाषण के दौरान पेपर लीक को लेकर कहा कि सरकारी भर्ती हो या फिर परीक्षाएं, इसमें किसी भी कारण से रुकावट आए ये उचित नहीं है। दरअसल हाल ही में कुछ परीक्षाओं में हुए पेपर लीक की घटनाओं पर कहते हुए राष्ट्रपति ने कहा की इस मामले में निष्पक्ष जांच कर दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। वहीं परीक्षा में पेपर लीक और अनियमितताओं के मामलों की उच्च-स्तरीय जांच की जा रही है।
बजट एक ऐतिहासिक कदम
अभिभाषण के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि आगामी बजट में बड़े आर्थिक और सामाजिक फैसले होंगे और कई ऐतिहासिक कदम उठाए जाएंगे। राष्ट्रपति ने कहा की आने वाले सत्र में सरकार इस कार्यकाल में पहला बजट लेकर आएगी। यह बजट सरकार की दूरगामी नीतियों और भविष्यवादी दृष्टिकोण का प्रभावशाली दस्तावेज होगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के संकल्प ने भारत को दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनाया है।
आपातकाल का जिक्र
अभिभाषण के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने जैसे ही देश में लगाए गए आपातकाल के उस दौरा का जिक्र किया तो विपक्षी सांसदों ने सदन के अंदर इसका विरोध करना शुरू कर दिया. राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने अभिभाषण में आपातकाल के दौर का जिक्र करते हुए कहा कि 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लागू हुआ था, उस दौरान पूरे देश में हाहाकार मच गया था. हालांकि ऐसी असंवैधानिक ताकतों पर देश ने जीत हासिल करके दिखाई. इसकी वजह है भारत के मूल्य में गणतंत्र की परंपराएं. राष्ट्रपति के ऐसे बोलते ही पीएम मोदी ने मेज थपथपाकर उनकी इस बात का समर्थन किया.
भारतीय सेनाओं की आत्मनिर्भरता
राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में सेना को आत्मनिर्भर बनाने की तैयारियों का भी जिक्र किया, जिसमें भारतीय सेनाओं की तरफ से हथियार और उपकरण भारतीय कंपनियों से ही खरीदने का निर्णय लिया गया है, इसके अलावा भारत कम्पनी की तरह से एक लाख करोड़ से ज्यादा डिफेन्स मैन्युफैक्चरिंग का कार्य किया जा रहा है.
महिलाओं को सुविधा
महिलाओं को लेकर राष्ट्रपति की तरफ से बताया गया कि किस तरह से 3 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने के लिए अभियान चलाया गया, किसानों की मदद के लिए 30 हजार महिलाओं को कृषि सखी बनाकर प्रशिक्षण दिया जा रहा है, वहीं महिलाओं को बचत के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. साथ ही सुकन्या समृद्धि योजना से महिलाओं को किस तरह का लाभ मिला इसकी भी चर्चा की गई.
किसानों को सुविधा
अभिभाषण के दौरान राष्‍ट्रपति ने बताया की सरकार किसानों को 3 लाख 20 हजार करोड़ की सम्मान निधि दे चुकी है, वहीं दुनिया में जैविक उत्पादों की बढ़ती मांग को देखते हुए सरकार प्राकृतिक खेती और सप्लाई चेन को मजबूत करने के प्रयास में लगी हुई है, मोटे अनाज की पहुंच दुनियाभर में हो, इसके लिए भी तरह-तरह के अभियान चल रहे हैं.