हिंदू वाले विवाद पर विपक्षी नेता का दुर्व्यवहार
02 Jul 2024
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महाराष्ट्र विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष और शिवसेना (यूबीटी) नेता अंबादास दानवे पर एक्शन लेते हुए उन्हें पांच दिनों के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया है. दअरसल मानसून सत्र के दौरान अंबादास दानवे ने बीजेपी एमएलसी प्रसाद लाड के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया. लाड ने लोकसभा में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की हिन्दू नहीं संबंधी टिप्पणी की निंदा करते हुए प्रस्ताव लाने की मांग की थी जिस पर शिवसेना नेता ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी. वहीं इस विवाद के चलते सदन की तीन बार स्थगित करनी पड़ी, क्योंकि भाजपा के नेता दानवे के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे.
इस मामले के बाद संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने आज अंबादास दानवे को सदन से निलंबित करने का प्रस्ताव पारित किया जिसे बहुमत के साथ पारित किया गया. अंबादास दानवे के बाद बीजेपी विधायड़ प्रसाद लाड ने विधान सभा की सीढ़ियों पर धरना दिया. उन्होंने मांग की की दानवे माफी मांगे और विपक्ष के नेता पद से इस्तीफा दें.
इस घटना पर सदन की उपसभापति नीलम गोरहे ने निलंबन आदेश पढ़ते हुए कहा, “विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने अनुशासनहीनता दिखाई और विधायक प्रसाद लाड के प्रति अभद्र और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया।” उन्होंने कहा, “उनके व्यवहार से परिषद की छवि धूमिल हुई है और उसका अपमान हुआ है। अगर उनके दुर्व्यवहार को नजरअंदाज किया गया तो यह एक गलत परंपरा कायम कर सकता है। उनके दुर्व्यवहार को गंभीरता से लिया गया और सदन ने उन्हें पांच दिन के लिए निलंबित करने तथा विधान भवन परिसर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव रखा।”
इस मामले को लेकर डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सदन में ऐसी घटना कभी नहीं हुई और ऐसे फैसलों पर चर्चा होनी चाहिए. अंबादास दानवे के निलंबन का प्रस्ताव रखे जाने के बाद, नीलम गोरे ने वोट डाला और ध्वनि मत से दानवे को निलंबित कर दिया गया, जिसके बाद विपक्षी दल के सदस्यों ने नारेबाजी की.
दानवे के निलंबन के बाद, अनिल परब ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि स्पीकर ने बहुमत के बल पर हमारे सदस्य को निलंबित किया है, इसलिए हम सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बहुमत के बल पर फैसले लिए जा रहे हैं लेकिन हमें भी बोलने का अधिकार दिया जाना चाहिए.
दरअसल सोमवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हिन्दुओं को लेकर 90 मिनट का भाषण बयान दिया जिस वजह से बीजेपी नेताओं में आक्रोश है. अपने भाषण के दौरान राहुल गांधी ने हिन्दुओं को हिंसा करार दिया उन्होंने बीजेपी पर नफरत फ़ैलाने का आरोप लगाया. राहुल गांधी का यही बयान अब विवादित हो गया है. सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई नेताओं ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए माफी की मांग की. राहुल गांधी के इस बयान की आग दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र तक उठी. हालाँकि राहुल गांधी के कुछ विवादित बयानों को सदन की कार्रवाई से हटा दिया गया है.