राहुल गांधी को लेकर केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू का विवादित बयान

 16 Sep 2024  431

इन दिनों कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के निशाने पर आ गए हैं। इसकी वजह है राहुल गांधी के अमेरिका में दिए हुए बयान। राहुल गांधी ने आरक्षण से लेकर सिखों के बारे में कुछ ऐसा बोल गए है जिसके चलते न सिर्फ उनके खिलाफ आंदोलन और विरोध प्रदर्शन हो रहे है, बल्कि तीखे हमले किए जा रहे हैं। लेकिन राहुल को घेरने के चक्कर में अब सत्ता पक्ष के नेता बदजुबानी पर भी उतर आये हैं और विवादित टिप्पणी की जा रही है। 

इस कड़ी में  केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता रवनीत सिंह बिट्टू ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर विवादित बयान दिया है। बिट्टू ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को देश का नंबर वन आतंकी बताया है। केंद्रीय मंत्री बिट्टू ने कहा कि राहुल गांधी ने सिखों को बांटने की कोशिश की है, सिख किसी पार्टी से जुड़ा नहीं है और यह चिंगारी लगाने की कोशिश है, राहुल गांधी देश के नंबर वन टेरेरिस्ट हैं। बिट्टू ने ये विवादित बातें राहुल गांधी के अमेरिका में सिखों को लेकर दिए बयान को लेकर कही हैं। 

केंद्रीय मंत्री बिट्टू ने भागलपुर में कहा कि राहुल ने चिंगारी लगाने के लिए पहले मुस्लिमों को यूज करने की कोशिश की। लेकिन अब नहीं हुआ तो बिल्कुल बॉर्डर पर जो सिख हैं जो देश की रक्षा करते हैं उनमें फूट डालने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा, कि जो देश का वांटेड है वो जो बयान देता था वहीं बयान राहुल गांधी देते हैं। बम, गोला- बारूद बनाने वाले जो अलगाववादी है उन्होंने अब राहुल गांधी के बयान को सराहा है और उनकी बात राहुल गांधी ने कही है।  जो हर वक्त लोगों को मारने की कोशिश करते हैं, उड़ाने की बात करते हैं, वो लोग जब राहुल गांधी के समर्थन में आ गए तो समझ लीजिए देश के नंबर वन टेरेरिस्ट राहुल गांधी हैं और उनको पकड़ने के लिए सबसे बड़ा इनाम होना चाहिए।

आपको बता दें कि रवनीत सिंह बिट्टू ने अमेरिका यात्रा के दौरान राहुल गांधी के सिखों को लेकर दिए एक बयान से खफा होने के बाद उन्हें आतंकी बताया है। दरअसल  राहुल गांधी ने वर्जीनिया में भारतीय अमेरिकी समुदाय के सैकड़ों लोगों से बातचीत की थी। इस दौरान राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि आरएसएस कुछ धर्मों, भाषाओं और समुदायों को अन्य की तुलना में कमतर मानता है। उन्होंने कहा था कि भारत में राजनीति के लिए नहीं बल्कि इसी बात की लड़ाई लड़ी जा रही है कि क्या एक सिख को भारत में पगड़ी या कड़ा पहनने का अधिकार है या नहीं।  या एक सिख के रूप में वह गुरुद्वारा जा सकते हैं या नहीं। राहुल गांधी के बयान के मायने फूट डालने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या देश के इतने वरिष्ठ सांसद और नेता प्रतिपक्ष को आंतकवादी से तुलना करना कहा तक जायज है। राहुल गांधी ने अपने विचार व्यक्त किये है ना कि किसी पर हमला किया है। ऐसे में उन्हें आंतकी करार देना जायज तो नहीं हो सकता।