नवरात्र उत्सव के दौरान विधायक नितेश राणे ने दिया विवादित बयान

 04 Oct 2024  64

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीखे जैसे- जैसे नजदीक आ रही है वैसे-वैसे नेताओं की जुबान से जहरीले बोल तेजी से निकल रहे हैं। इन दिनों नफरत वाली सोच और सियासत में कोई सबसे आगे है तो वो हैं बीजेपी के विधायक नितेश राणे दो समुदायों के बीच दूरियां और नफरत पैदा करने के लिए नितेश राणे लगातार भड़काऊ बयान दे रहे हैं। कभी वो कहते हैं कि 15 मिनट पुलिस हटा दो तो हिंदू अपनी ताकत दिखाएंगे। तो कभी कहते हैं कि मस्जिद में घुसकर मारूंगा।  नितेश राणे कहीं भी किसी भी धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होते हैं तो वहीं कुछ न कुछ ऐसा बोल जाते हैं जिसको लेकर बवाल शुरू हो जाता है। 


वहीं अब एक बार फिर बीजेपी के इस विधायक ने नवरात्री कार्यक्रम के दौरान कुछ ऐसा बोला है जिसको लेकर बवाल मच सकता है। दरअसल मुंबई के चेंबूर इलाके में एक नवरात्रि उत्सव में शामिल हुए बीजेपी विधायक ने बयान दिया है कि वो मस्जिदों के सामने आरती करेंगे। हमारा देश पाकिस्तान की तरह नहीं बल्कि हिंदू राष्ट्र है और संविधान में ये हक़ मिला है कि कहीं पर भी जाकर पूजा पाठ कर सकता हूं। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज को नवरात्रि करने से किसी ने भी रोका तो अगली महा आरती मस्जिद के सामने करके जाऊंगा। 

वैसे ये कोई पहली बार नहीं है जब बीजेपी विधायक ने विवादित भाषण दिया है। पिछले कुछ महीनो में यदि हम देखें तो नितेश राणे की हेट स्पीच के वीडियो सामने आ चुके हैं। वो लगातार मुसलमान के खिलाफ बयान दे रहे हैं। पुलिस ने कई बयानों को लेकर केस भी दर्ज किया है। लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि सत्ता पक्ष के इस विधायक पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ऐसे में पुलिस प्रशासन से लेकर सरकार भी सवालों के घेरे में है कि आखिर विधायक पर लगाम क्यों नहीं लगाई जा रही है, क्या यह पार्टी की रणनीति के तहत हो रहा है या फिर उनकी निजी सोच और मकसद है। यदि ऐसा है तो कानून के साथ पार्टी की तरफ से कार्रवाई की जानी चाहिए। 


बता दे कि भड़काऊ भाषण देने का सिलिसला एक तरफ से नहीं बल्कि दूसरी तरफ से भी जारी है। नितेश राणे के बयान पर पलटवार करने के चक्कर में एआईएमआईएम नेताओं ने भी विवादित टिप्पणी की है। ओवैसी के नेता इम्तियाज जलील ने मुंबई कूच के दौरान नितेश राणे पर हमला करते हुए यह तक कह दिया था कि ओवैसी साहब के पयजामा के नाड़े भी टिंगू की साइज से बड़ा है। इस तरह की बदजुबानी से नेता न सिर्फ अपना चरित्र दर्शा रहे हैं बल्कि जाहिरी भाषा के जरिए समाज में नफरत फैला रहे हैं। 

 
गौरतलब है कि जब भी चुनाव आते हैं तो इस तरह की बदजुबानी क्यों शुरू हो जाती है। चुनाव जीतने के लिए अपनी मर्यादा को तोड़ना और समाज में नफरत फ़ैलाने की जरूरत क्यों होती है। सवाल ये भी है कि सत्ता हासिल करने के लिए नफ़रत फ़ैलाने, धर्म के नाम पर सियासत और ऐसे जहरीले बयान देना कहां तक जायज है। हिंदुत्व की छवि वाली पार्टी बीजेपी के लिए यह बयान कितने फायदेमंद होंगे ये तो चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा लेकिन ऐसे बयान समाज में नफरत को जरूर पनपा रहे हैं।