अब बिहार में हुआ फोल्डर घोटाला

 16 Dec 2020  492

संवाददाता/in24 न्यूज़.
बिहार में पहले की अपेक्षा भ्रष्टाचार में कमी तो आई, मगर उसपर पूरी तरह लगाम नहीं लग सका. सुशासन बाबू के नाम से विख्यात बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही बेदाग़ रहे हों, मगर भ्रष्टाचार के छींटे अब उनकी सरकार पर भी पड़ने लगे हैं. बता दें कि पटना हाईकोर्ट के सख्त रूख के बाद अब शिक्षा विभाग की नींद खुली है. शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को पंचायती राज संस्था के तहत प्राथमिक-मध्य विद्यालयों में नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र निगरानी विभाग को उपलब्ध कराने का अंतिम पत्र दिया है. प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना को पत्र लिखकर कहा है कि सभी नियोजन इकाई के सदस्य सचिव निगरानी विभाग के प्रतिनियुक्त पुलिस पदाधिकारी के साथ समन्वय स्थापित कर जांच से संबंधित अवशेष फोल्डर एवं मेधा सूची नोडल पदाधिकारी को उपलब्ध कराएं. निगरानी विभाग के साथ-साथ प्रतिवेदन 23 दिसंबर 2020 विभाग को भी उपलब्ध कराएं.  प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि पटना हाईकोर्ट में राज्य सरकार बनाम रंजीत पंडित एवं अन्य में 30 जनवरी 2020 को पारित आदेश से यह तथ्य दृष्टिगत हुआ है कि अब तक नियोजन इकाईयों ने 110410 शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र निगरानी को उपलब्ध नहीं कराये हैं. निदेशक ने सभी अधिकारियों को हर हाल में 23 दिसंबर तक प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. बता दें कि लालू राज में चारा घोटाले ने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले थे. आज भी लालू उसी भ्रष्टाचार के तहत जेल में बंद हैं. अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार किस तरह इस घोटाले के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करते हैं, यह देखना होगा.