जुहू बीच पर उमड़ा छठ व्रतियों का हुजूम,धूमधाम से मनाया गया लोक आस्था का महापर्व

 20 Nov 2023  370

संवाददाता/in24 न्यूज़ 

मुंबई समेत उत्तर भारत के राज्यों में लोक आस्था के चार दिवसीय महापर्व छठ की सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ समापन किया गया. छठ व्रतियों ने उगते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद उनकी और मां छठी मैया की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की और इसके बाद व्रत का पारण किया. बता दें कि, यह व्रत कुल 36 घंटे का होता है.जिसका समापन छठ व्रती उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर करते हैं. छठ का यह पर्व 17 नवंबर 2023 नहाय खाय से शुरू होकर 20 नवंबर 2023 को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने की विधि के साथ पूर्ण रूप से संपन्न हुआ. वैसे तो इस पर्व को मुख्य रूप से बिहार में मनाया जाता है लेकिन आर्थिक राजधानी मुंबई समेत समूचे देश में इसकी धूम देखने को मिलती है.खासकर मुंबई के जुहू चौपाटी पर छठ पूजा का जो नजारा देखने को मिलाता है उसे देखकर अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है कि ये मुंबई का जुहू चौपाटी है या फिर बिहार के नदियों और तालाबों का तट. जुहू बीच देर शाम हजारों की संख्या में पहुंचे छठ व्रतियों ने डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर उनकी पूजा अर्चना की और इसके बाद वहीं पर रात गुजार कर सुबह अर्घ्य देकर अपने व्रत का समापन किया। बता दें कि मुंबई के जुहू बीच पर छठ व्रतियों के लिए बिहारी फ्रंट संस्था की तरफ से एक भव्य मंच सजाया गया. जहां उपस्थित हुए कलाकारों ने छठी मईया और भोजपुरी गीतों से समां बांध दिया। बता दें कि पिछले 26 सालों से जुहू बीच पर बिहारी फ्रंट के संस्थापक संजय निरुपम के प्रयासों से जुहू चौपाटी पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है.देर शाम आयोजित कार्यक्रम में मौजूद हजारों की संख्या लोगों ने इस भव्य कार्यक्रम और लोक गीतों का आनंद उठाया। वहीं इस कार्यक्रम में मुंबई कांग्रेस की अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ समेत कई राजनेता बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे। 
      बिहारी फ्रंट के मंच पर शामिल दिग्गज कलाकारों ने न सिर्फ अपने गीतों से लोगों को मंत्र मुग्ध किया बल्कि खुद भी काफी रोमांचित नजर आए और इतना बड़ा मंच प्रदान करने के लिए बिहारी फ्रंट और उसके संस्थापक संजय निरुपम का आभार जताया। मुंबई के जुहू में जिस तरह से लोक आस्था के महापर्व छठ की धूम देखने को मिलती यह अपने आप में एक बेहद सामाजिक एकता का सबसे बड़ा प्रतीक है. वहीं बिहारी फ्रंट का प्रयास इसमें और भी चार चांद लगा देता है। कुल मिलाकर बिहारी फ्रंट जिस तरह से पिछले 25 सालों से एक सफल आयोजन छठ व्रतियों के लिए करता आ रहा है उसमें एक और अध्याय जुड़ा है और 26 वें साल के आयोजन में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा गया है.