हाईकोर्ट के आदेश पर जल्द रिहा होगा अरुण गवली

 05 Apr 2024  450

संवाददाता/in24 न्यूज़.
नागपुर सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व माफिया डॉन से नेता बने अरुण  गवली को समय से पहले रिहा किया जाएगा। आज हाई कोर्ट ने ये आदेश दिया। न्यायमूर्ति विनय जोशी और न्यायमूर्ति वृषाली जोशी की खंडपीठ ने अरुण गवली की याचिका को स्वीकार कर लिया है। उनके वकील मीर नगमान अली ने के मुताबिक, गवली का आवेदन पहले इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि सरकार की एक अधिसूचना विशेष रूप से मकोका के तहत दोषी को नीति के लाभ से बाहर रखती है। उन्होंने तर्क दिया कि 2006 की अधिसूचना भी यह स्पष्ट करती है कि एनडीपीएस, टाडा, एमपीडीए आदि कानूनों के तहत दोषी 2006 के नीतिगत लाभों के हकदार नहीं हैं। गवली ने अपनी याचिका में कहा कि वो अब 69 साल का हो गया है और सरकार के ही एक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि जिन कैदियों की 14 साल की सजा हो चुकी है और उम्र 65 साल को पार कर गई है, उनको रिहा किया जा सकता है। वकील अली ने कहा, कि दोनों पक्षों को सुनने के बाद, अदालत ने सरकार को चार सप्ताह के भीतर गवली की रिहाई पर निर्णय लेने का निर्देश दिया, जिससे जेल से उसकी समय से पहले रिहाई का रास्ता साफ हो गया। उसने 16 साल जेल में बिताए हैं। मूल रूप से मुंबई के रहने वाले और दगड़ी चॉल के डॉन के रूप में 69 वर्षीय अरुण गवली ने विधायक (2004-2009) के रूप में भी काम किया। उसे 2006 में गिरफ्तार किया गया था, मुकदमा चला, दोषी पाया गया और 2012 में शिवसेना नेता कमलाकर जामसांडेकर की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। हाईकोर्ट के इस आदेश से गवली को बड़ी राहत मिली है।