मुंबई में प्राइवेट डॉक्टरों को भी कोरोना के मरीजों का इलाज करना होगा

 06 May 2020  1516

संवाददाता/in24 न्यूज़.
मुंबई में प्राइवेट डॉक्टरों को अब सरकारी अस्पताल या अन्य तरीके से कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज करना होगा, वर्ना उनके लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे. कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए मुंबई के निजी डॉक्टरों को आगे आने के लिए सरकार ने नोटिस जारी किया है| अगर डॉक्टरों ने ऐसा नहीं किया तो डॉक्टरी लाइसेंस भी रद्द करने की कारवाई हो सकती है| सभी निजी डॉक्टरों को सरकारी हॉस्पिटलों में अपनी सेवाएं देना अनिवार्य किया गया है| इसके लिए मुंबई में निजी डॉक्टरों को सरकार ने नोटिस जारी किया है| प्रशासन ने कोरोना का इलाज करने वाले हॉस्पिटल्स को तत्काल प्रभाव से रिपोर्ट करने के लिए कहा है | डॉक्टरों से कहा गया है कि वे जिस अस्पताल में तैनात होंगे, वहां कम से कम 15 दिन अवश्य बिताएं| असाइन किए गए अस्पताल को रिपोर्ट करने में विफल रहने वाले डॉक्टरों पर कार्रवाई की जाएगी और डॉक्टरी लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है| महामारी रोग अधिनियम, आपदा प्रबंधन अधिनियम और महाराष्ट्र आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम को लागू करते हुए अधिसूचना में कहा गया है कि कोरोना की रोकथाम और उपचार के लिए कम से कम 15 दिनों के लिए डॉक्टरों की एक्सपर्ट सेवाओं की मरीजों को जरूरत है| इसलिए आप अपनी इच्छा और पसंद की जगह से अवगत कराएं जहां आप अपनी सेवाएं देना चाहते हैं| मुंबई में कई निजी डॉक्टरों ने अपने क्लीनिक बंद कर रखे हैं| कई अन्य डॉक्टर संदिग्धों को देखने से इंकार कर रहे हैं| कई ने कोरोना के लक्षणों जैसे बुखार, खांसी और सांस के रोगियों की जांच करने से इनकार कर दिया है| सरकारी अधिसूचना में उन डॉक्टरों को छूट दी गई है, जो 55 साल और उससे अधिक उम्र के हैं| सभी डॉक्टरों को एक फॉर्म भी प्रस्तुत करना होगा जिसमें उन्हें अपनी योग्यता, महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल पंजीकरण संख्या, वर्तमान कार्य स्थान और पोस्टिंग के लिए स्थान का चुनाव करना होता है| डॉक्टरों को ई-मेल किए गए प्रपत्रों को बीएमसी के प्रोटोकॉल अधिकारी को जमा करना होगा| मुंबई में करीब पच्चीस हजार से ज्यादा रजिस्ट्रेशन वाले निजी डॉक्टर हैं.