सांप ने काटा तो अस्पताल के बदले तांत्रिकों के चक्कर में गई जान
15 Sep 2020
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
अंधविश्वास का एक अनोखा मामला राजस्थान के धौलपुर से आया है। दरियापुर की गौरव कॉलोनी में रहने वाले महेश और उसके बेटे विनीत को रविवार सुबह एक सांप ने काट लिया। फैमिली वाले उन्हें अस्पताल ले जाने के बजाय दिनभर भोपा और तांत्रिकों के पास ले जाकर झाड़-फूंक करवाते रहे, लेकिन दोनों की मौत हो गई। इस बीच, गांववालों के कहने पर एक सपेरे ने उस सांप को पकड़ लिया, जिसने उन्हें काटा था। मृतक की पत्नी ने श्मशान में ही उस सांप के सामने सिंदूर और सुहाग का सामान रखकर अपने पति और बेटे की जिंदगी वापस मांगने लगी। सांप ने जैसे ही उस सामान को सूंघा तो वहां मौजूद लोगों को लगा कि अब सांप मान गया है और मृतकों की जान बख्श देगा। फिर क्या था, लोग तुरंत सांप को पकड़कर चिता पर ले गए। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। बल्कि सांप पलटकर वहां से भागने लगा। इससे गुस्साए ग्रामीणों ने उस सांप को वहीं फन कुचलकर मार दिया। देर शाम तक चले नाटकीय घटनाक्रम के बाद जब दोनों बाप-बेटे बेहोश हो गए परिवार वालों ने उन्हें हॉस्पिटल पहुंचे। डॉक्टरों ने दोनों को देखते ही मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजन दोनों के शव को बिना पोस्टमार्टम के लिए गांव ले आए। दिनभर घटनाक्रम की जानकारी पुलिस को मिली। सूचना पाते ही पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस बाप बेटे के शवों को चिता से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए ले जाने लगे। वहां मौजूद गांव वालों ने इसका विरोध शुरू कर दिया और शवों को नहीं ले जाने दिया। फिर दोपहर लगभग 3 बजे सदर थाना पुलिस पुनः ज्यादा जाब्ते के साथ दरियापुर में पहुंची और सपेरे और बायगीरों को खदेडा। इसके बाद शवों का पोस्टमार्टम कराया। सोते समय सांप ने काटा था रविवार करीब साढ़े चार बजे सुबह गांव में रहने वाले 40 साल के महेश कुमार को सांप ने काटा तो उसकी नींद खुल गई। महेश ने तुरंत ही सांप को पकड़कर दूर फेंक दिया। शोर सुनकर परिजन व आसपास के गांव वाले मौके पर पहुंचे और उसे झाड़ फूंक के लिए गांव के बरीपुरा ले गए। थोड़ी देर बाद खबर आई कि महेश के 18 साल के बेटे विनीत को भी सांप ने काट लिया है। बाद में दोनों की मौत हो गई। अंधविश्वास ने इसके पीछे बड़ी भूमिका निभाई, इससे इंकार नहीं किया जा सकता।