मंकीपॉक्स को इग्नोर करने से बचिए!

 28 Jul 2022  386

संवाददाता/in24 न्यूज़.
वैश्विक महामारी कोरोना के बाद अब देश के लोग मंकीपॉक्स (Monkeypox) को लेकर चिंतित हैं। देश में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए केन्द्र सरकार ने पहले ही गाइडलाइन जारी की थी। मंकीपॉक्स के रोगियों और उनके संपर्क में आए लोगों के लिए केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन में 21 दिन का आइसोलेशन , मास्क पहनना, हाथ साफ रखना, घावों को पूरी तरह से ढककर रखना और उनके पूरी तरह से ठीक होने का इंतजार करना शामिल है। बता दें कि ये दिशानिर्देश मई में जारी किए गए थे और दिल्ली सरकार ने अपने अस्पतालों और 11 राजस्व जिलों को उनका पालन करने का निर्देश दिया था। दिल्ली में 24 जुलाई को मंकीपॉक्स का एक और मामला सामने आया था। अब देश में मंकीपॉक्स के रोगियों की संख्या चार हो गई है। वहीं दिल्ली में मंकीपॉक्स रोगी के संपर्क में आए 14 लोगों की पहचान की गई है। हालांकि उनमें से किसी को भी लक्षण नहीं दिखे हैं। बताया जा रहा है कि इनमें से एक व्यक्ति को शरीर में दर्द की शिकायत हुई थी, लेकिन वह अब ठीक है और कोई लक्षण नहीं है। मंकीपॉक्स, वायरस से होने वाला संक्रामक रोग है, जो की जानवरों से मनुष्यों में फैलता है। इसके लक्षण चेचक जैसे होते हैं, हालांकि चिकित्सकीय रूप से यह उतना गंभीर नहीं होता है। केंद्र के दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि मंकीपॉक्स रोगी या उनसे संबंधित दूषित सामग्री के अंतिम बार संपर्क में आने से 21 दिन तक आइसोलेशन में रहना पड़ता है। वहीं गाइडलाइन के मुताबिक मंकीपॉक्स के रोगियों को तीन प्लाई वाला मास्क पहनना चाहिए। वहीं त्वचा के घावों को हरसंभव सीमा तक ढककर रखना चाहिए जिससे कि दूसरे लोगों के इसके संपर्क में आने का जोखिम कम हो सके। साथ ही गाइडलाइन में कहा गया है कि मरीजों को तब तक आइसोलेशन में रहना चाहिए जब तक कि सभी घाव ठीक नहीं हो जाते और पपड़ी पूरी तरह से गिर नहीं जाती। दिशा निर्देशों में कहा गया है कि मंकीपॉक्स रोगी के संपर्क में आए लोगों को खुद को अलग कमरे में रखना चाहिए, लेकिन वे एक ही कमरे में भी रह सकते हैं। साथ ही उन्हें हाथों की स्वच्छता और सामाजिक दूरी के मानदंड का पालन करना चाहिए। साथ ही संपर्क में आए लक्षणविहीन लोगों को निगरानी के दौरान रक्त, कोशिकाओं, ऊतकों, अंगों या वीर्य का दान नहीं करना चाहिए। बता दे कि मंकीपॉक्स आम तौर पर बुखार, सिरदर्द, तीन सप्ताह तक चकत्ते, गले में खराश, खांसी और अंगों में सूजन के साथ उभरता है। इसलिए इससे बचने के लिए इसके दिशानिर्देश का पालन आवश्यक है।