भारत में कैंसर का बढ़ता खतरा चिंता का विषय

 07 Apr 2023  1449
ब्यूरो रिपोर्ट/in24न्यूज़/मुंबई 
 
   भारत में कर्क रोग के बढ़ते मामलों ने आम जनमानस में खौफ पैदा कर दिया है. कैंसर में तेजी से वृद्धि के पीछे की वजह अधिक वजन, शराब का सेवन, बदलती जीवन शैली और स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही बताई जा रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से साल 2020 में जारी की गयी एक रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले दिनों में हर दस व्यक्तियों में से एक व्यक्ति कैंसर की चपेट में आएगा. इतना ही नहीं, हर 15 व्यक्तियों में से एक व्यक्ति की मौत कैंसर से होगी. कैंसर रजिस्टर डेटा के अनुसार, एक अनुमान के तहत भारत में हर साल तकरीबन आठ लाख कैंसर के नए मामले होंगे. अपनी जीवन शैली में यदि बदलाव करें और हानिकारक आदतों से दूर रहें तो कई तरह के कैंसरों से बचा जा सकता है. एचसीजी अस्पताल, बेंगलुरु के कंसल्टेंट रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट, डॉ लोहित जी रेड्डी के मुताबिक धीरे-धीरे भारत में मुख्य रूप से टियर 2 और टियर 3 शहरों में कैंसर का इलाज विकसित हो रहा है. कैंसर की देखभाल में सटीक जांच और जल्द से जल्द इसका डायग्नोस करके इसके रोकथाम को बढ़ावा देना सबसे अच्छा तरीका साबित हो सकता है. मरीज को ध्यान में रखते हुए रेडिएशन थेरेपी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आदि जैसी एडवांस टेक्नोलॉजी के साथ सटीक परिणाम पर जोर देने की आवश्यकता है. कैंसर के शुरुआती चरणों में पता लगाने और उपचार के तौर पर स्क्रीनिंग के माध्यम को सबसे बेहतर तरीका माना गया है. 

       सिटी एक्स-रे और स्कैन क्लिनिक की कंसल्टेंट पैथोलॉजिस्ट और निदेशक डॉ. सुनीता कपूर ने कहा कि कैंसर दुनिया भर में मौत के प्रमुख कारणों में से एक है, इसलिए कैंसर जागरूकता समय की आवश्यकता है. कैंसर से बचाव तभी संभव है जब हम इस बीमारी के बारे में पूरी तरह से जागरूक हों और यह जानें कि अगर हम इसके शिकार हो जाएं तो क्या करना चाहिए. कैंसर की रोकथाम, इसकी पहचान और उपचार के बारे में जागरूक रहना हमेशा अच्छा होता है. उन्होंने कहा कि, "बच्चों के साथ सभी उम्र के लोगों में कैंसर पनप सकता है. धूम्रपान, शराब का सेवन, खास टाइप के केमिकल्स से संपर्क, UV किरणों और मोटापे के अतिरिक्त फैमली मेडिकल हिस्ट्री भी विभिन्न प्रकार के कैंसर के खतरे के संकेत हो सकते हैं. भारतीयों को प्रभावित करने वाले सबसे प्रमुख कैंसर के प्रकारों में ब्रेस्ट कैंसर, ओरल, सर्वाइकल, गैस्ट्रिक, कोलोरेक्टल और लंग मैलीग्नेंसीज शामिल हैं. भारत में साल 2020 में कैंसर से 8.5 लाख मौतें हुई थीं." फेफड़ों का कैंसर भारत में पुरुषों में सबसे आम कैंसर है और समग्र रूप से दूसरा सबसे आम है. फेफड़ों के कैंसर के 80% रोगियों में तंबाकू का सेवन करने का इतिहास रहा है, लेकिन अब यह घटना महिलाओं और धूम्रपान न करने वालों में भी बढ़ रही है. सामान्य कारणों में धूम्रपान, वायु प्रदूषण और कुछ केमिकल्स के संपर्क में आना शामिल हैं. फेफड़ों के कैंसर का पूर्वानुमान व्यक्ति के प्रकार, अवस्था और समग्र स्वास्थ्य पर निर्भर करता है.