नीट-यूजी परीक्षा विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट सख्त, 22 जुलाई को अगली सुनवाई
18 Jul 2024
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विवादों में घिरे नीट-यूजी परीक्षा मामले की आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में नीट को बड़ा आदेश देते हुए कहा कि वह अपनी वेबसाइट पर नीट-यूजी परीक्षा में छात्रों द्वारा प्राप्त अंकों को प्रकाशित करें। साथ ही, छात्रों की पहचान भी गुप्त रखी जाए। साथ ही नीट यूजी परीक्षा का परिणाम शहर और केंद्र के हिसाब से अलग-अलग घोषित किए जाने चाहिए।
इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 22 जुलाई की तारीख तय की गई है। नीट-यूजी पेपर लीक मामले की सुनवाई बुधवार 18 जुलाई की सुबह 11:15 पर शुरू हुई। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में तीन जजों की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की।
सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए से पूछा कि 23.33 लाख में से कितने छात्रों ने अपना एग्जाम सेंटर बदला? इस पर एनटीए ने जवाब दिया कि करेक्शन के नाम पर छात्रों ने सेंटर बदला है। 15000 छात्रों ने करेक्शन विंडो का इस्तेमाल किया था। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'टेलीग्राम' पर प्रश्नपत्र लीक होने के दावों पर सवाल उठाते हुए पीठ ने कहा कि आपको यह ध्यान में रखना होगा कि किसी शख्स ने ऐसा राष्ट्रीय स्तर पर तमाशा खड़ा करने के लिए नहीं किया। लोगों ने पैसे के लिए ऐसा किया। यह परीक्षा को बदनाम करने के लिए नहीं, बल्कि पैसे कमाने के लिए किया गया।
दिन भर चली सुनवाई के दौरान पीठ ने उम्मीदवारों के वकील से परीक्षा आयोजित करने में व्यापक अनियमितताओं के बारे में अपना दावा साबित करने के लिए कहा। कोर्ट ने कहा कि प्रश्नपत्र लीक की घटना पटना और हजारीबाग तक ही सीमित थी।जबकि गोधरा में दावा किया गया कि परीक्षा आयोजित करने वाले एक व्यक्ति ने कुछ अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट भरने के लिए पैसे लिए।