ओवैसी के पार्षदों का 'वंदे मारतम्' गाने ने इनकार

 19 Aug 2017  1414

ब्यूरो रिपोर्ट / in24 न्यूज़

राजनीति में धर्म और धर्म में राजनीति को जबरन ही एकदूसरे में समाविष्ट किया जा रहा है इसकी शुरुवात अंग्रेजों ने की थी पर आज की तारीख में इसकी क्या जरुरत है ये तो वो नेता ही जाने जिनका मजहब और ईमान राष्ट्रगीत गाने से रोकता है, राष्ट्रगीत वंदे मातरम पर सियासी रोटी सेकने का काम अवसरवादी नेताओं द्वारा बदस्तूर जारी है, ताजा मामला महाराष्ट्र के औरंगाबाद नगर निगम का है. इस बार दो AIMIM सदस्यों द्वारा वंदे मातरम् के लिए खड़े नहीं होने पर काफी विवाद हुआ. शिवसेना और बीजेपी के सदस्यों ने इस बात पर औरंगाबाद नगर निगम की मीटिंग में जमकर हंगामा किया. बीएमसी के स्कूलों में वंदे मातरम जरुरी करने का नोटिस पास हो चुका है. शिवसेना की अगुवाई वाली मुंबई महानगरपालिका ने प्रस्ताव पर मुहर लगाई थी. BMC के सदन में बीजेपी ने प्रस्ताव रखा जिसका शिवसेना ने समर्थन किया था . 

बीएमसी द्वारा संचालित स्कूलों में वंदे मातरम् को गाना अनिवार्य करने पर बीएमसी नोटिस ऑफ मोशन भी पास कर चुकी है.  मुंबई के मेयर ने भी वंदे मातरम् को स्कूलों अनिवार्य रूप से गाने को लेकर बयान भी दिया था. उन्होंने मांग की है कि हर बीएमसी द्वारा संचालित स्कूलों में वंदे मातरम् को दो बार गाना अनिवार्य किया जाए. मुंबई के मेयर इसे लेकर महाराष्ट्र सरकार के पास जल्द प्रस्ताव भेजा जाएगा. मद्रास हाई कोर्ट ने भी जुलाई में आदेश दिया था कि स्कूलों में वंदे मातरम् को कम से कम एक बार गाना अनिवार्य किया जाए. खासकर सोमवार या शुक्रवार को वंदे मातरम् गाया जाए.
इससे पहले भी महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर ‘वंदे मातरम्’ को लेकर बीजेपी और AIMIM के विधायकों में बहसबाजी हुई थी. 28 जुलाई को दोनों एक दूसरे की आवाज दबाते हुए नारेबाजी कर रहे थे. बीजेपी विधायक राज पुरोहित AIMIM के वारिस पठान के सामने वंदे मातरम् का नारा लगा रहे थे. वहीं वारिस खान वह नारा लगाने को मना कर रहे थे. राज पुरोहित ने वारिस पठान से यह भी कहा था कि अगर वह वंदे मातरम् नहीं कहना चाहते तो उनको पाकिस्तान चले जाना चाहिए. इसका एक वीडियो भी सामने आया था. उसमें राज को पठान से कहते हुए देखा जा सकता था कि अगर हिंदुस्तान में रहना है तो वंदे मातरम् कहना होगा. इसपर पठान ‘जय हिंद’, ‘हिंदुस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाने लगते हैं.