राज ठाकरे ने किसको दी खुली चुनौती ?
05 Oct 2017
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संजय मिश्रा / in24 न्यूज़
मुंबई के एलफिन्स्टन रेलवे फुटओवर ब्रिज पर मची भगदड़ में हुई 22 लोगों की मौत के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने मोर्चा निकाला। मनसे प्रमुख राज ठाकरे के नेतृत्व में बड़ी संख्या में मनसे कार्यकर्ताओं ने मेट्रो सिनेमा से चर्चगेट रेलवे स्टेशन तक मार्च किया। इस दौरान महाराष्ट्र के कई जिलों से बड़ी संख्या में मनसे कार्यकर्ता और पदाधिकारी उक्त मोर्चे में शामिल हुए।
मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने अपने 18 प्रतिनिधियों के शिष्टमंडल के साथ वेस्टर्न रेलवे के प्रबंधक से मुलाकात की और उन्हें अपना ज्ञापन सौंपा। राज ठाकरे द्वारा दिए गए ज्ञापन में इस बात का उल्लेख था कि रेल यात्रियों के लिए रेल प्रशासन बेहतर रेलसेवा मुहैया करवाए और रेल प्रशासन सबसे पहले रेलवे फुटओवर ब्रिज पर अवैध कब्ज़ा जमाये फेरीवालों को हटाए यदि अगले 15 दिनों में रेल प्रशासन ने ऐसा नहीं किया तो मनसे कार्यकर्ता ऐसा कर दिखाएंगे।
इसके साथ ही राज ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात मॉडल को झूठ का पुलिंदा करार देते हुए कहा कि जो भी गुजरात के बारे में जनता को प्रोजेक्शन दिया गया वो सरासर झूठ और बेबुनियाद है। उनका कहना है कि अच्छे दिन का वादा कर केंद्र की सत्ता पर काबिज हुए पीएम मोदी ने देश की जनता के साथ धोखा किया है। जिस अच्छे दिन का वादा देश की जनता से किया गया वो अच्छे दिन कभी नहीं आएंगे। राज ठाकरे ने कहा कि लोगों ने बीजेपी को यह सोच कर बहुमत दिया कि अच्छे दिन लाएंगे, लेकिन वो सब जुमले निकले।
राज ठाकरे ने कहा कि देश के जो हालात कांग्रेस सरकार के दौरान थे वही बीजेपी सरकार में भी है कोई बदलाव नहीं हो पाया। मनसे प्रमुख यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि, 'जब पीएम नरेंद्र मोदी ने बुलेट ट्रेन के बारे में घोषणा की थी तब ही मै इनकी नीयत समझ गया था क्या मुंबई से अहमदाबाद जाकर लोग ढोकला खाएंगे? अहमदाबाद से अच्छा ढोकला तो मुंबई में मिलता है। मैंने आज तक अपने जीवन में इतना झूठ बोलने वाला प्रधानमंत्री नहीं देखा, जो पहले कुछ बोलता है और बाद में कुछ और !' बुलेट ट्रेन शुरू करने से पहले रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्टर को बेहतर बनाने की आवश्यकता है।
इसके अलावा भी मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कई ज्वलनशील मुद्दों पर प्रकाश डालते हुए केंद्र सरकार को अपने निशाने पर लिया। लेकिन राज ठाकरे की संताप रैली में सबसे ज्यादा गौर करने वाली बात ये थी कि इस रैली को मुंबई पुलिस द्वारा कोई अनुमति नहीं दी गयी थी इसके बावजूद राज ठाकरे ने अपनी संताप रैली निकाली जो प्रशासन की गाल पर अप्रत्यक्ष रूप से तमाचा कहें तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।
कुलमिलाकर गत चुनावों में मिली करारी हार के बाद एक बार फिर अपनी पार्टी महाराष्ट्र नव निर्माण सेना को मजबूत और सशक्त बनाने के लिए राज ठाकरे ने कमर कस ली है लेकिन इससे उनकी पार्टी कितनी मजबूत होती है ये देखना दिलचस्प होगा।