ब्यूरो रिपोर्ट / in24 न्यूज़
केंद्रीय मंत्री एवं बीजेपी नेता स्मृति ईरानी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बीच ट्वीटर पर जंग शुरू हो गयी। ईरानी ने शुक्रवार की शाम राहुल गांधी पर तंज कसते हुए ट्वीट कर कहा कि 'एक आदमी जो बेल पर है, कोर्ट का मजाक उड़ा है. लगे रहो भाई गुजरात फिर भी हारोगे, साल मुबारक। स्मृति ईरानी का यह ट्वीट कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के उस ट्वीट के जवाब में आया है, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जयशाह के मामले में 'चुप्पी' के लिए तंज कसा था।
राहुल ने शुक्रवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की कंपनी के टर्नओवर में अचानक हुए कथित इजाफे के मुद्दे पर 'चुप्पी' के लिए तंज कसते हुए कहा कि प्रधान मंत्री न तो इस मुद्दे पर कुछ बोलते हैं और न ही किसी को बोलने देते हैं।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, "मित्रों, शाह-जादे के बारे में न बोलूंगा, न किसी को बोलने दूंगा." और इशारों इशारों में मोदी की प्रसिद्ध पंक्ति 'न खाऊंगा न खाने दूंगा' पर चुटकी लेते हुए यह बात कही।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों पर गुजरात पर फोकस कर हैं, जहां आने वाले समय में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। वे लगातार अपनी सभाओं और रैलियों में इस मुद्दे को उठा रहे हैं,और साथ ही कांग्रेस इस बार गुजरात में पूरी ताकत झोंक दी है,और ऐसे में राहुल गांधी पर बीजेपी की ओर से लगातार वार कर रहे हैं।
बीजेपी और मोदी कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर 'शहजादे' व 'युवराज' कहकर निशाना साधते रहे हैं और उन्हें पार्टी अध्यक्ष के पद सँभालने पर भी हमला करते रहे। राहुल गांधी ने भी जय शाह की कंपनी पर विवाद शुरू होने के बाद जय शाह को 'शाह-जादा' कहकर संबोधित किया।
राहुल गांधी ने पिछले सप्ताह एक न्यूज पोर्टल के साथ जय शाह के कानूनी विवाद को 'राज्य कानूनी सहायता' का आरोप लगाकर निशाना साधा था और जिसमे वो इस मामले में लगातार नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर भी निशाना साध रहे हैं। एक न्यूज रिपोर्ट में यह आरोप लगाया गया है कि मोदी के 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद कथित तौर पर जय शाह की कंपनी का टर्नओवर 16,000 गुणा बढ़ गया।
कांग्रेस ने इस मुद्दे की जांच सर्वोच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीशों से करवाने की मांग की है वही दूसरी तरफ बीजेपी ने कांग्रेस के आरोप को बेबुनियाद बताते हुए जय शाह की कंपनी को पूरी तरह से वैध और कानूनी बताया है।
चुनाव आयोग ने पिछले सप्ताह हिमाचल प्रदेश चुनाव की तिथि की घोषणा की थी, लेकिन गुजरात चुनाव की तिथि की घोषणा नहीं की इस पर विपक्ष ने चुनाव आयोग पर दबाव का आरोप लगाते हुए कहा था कि ऐसा गुजरात में मोदी द्वारा और परियोजनाओं की घोषणा के लिए किया गया है।