विधायक चले फिर से नगरसेवक बनने !

 12 Feb 2017  2501
ब्यूरो रिपोर्ट / in24 न्यूज़
मुंबई महानगरपालिका चुनाव की विशेषता क्याब होती है ये एक नगरसेवक से बेहतर और कौन बता सकता है ? खासकर, जो नगरसेवक से विधायक बने हैं यदि उन्हें फिर से विधायक से नगरसेवक बनाया जाए तो क्या इस पर वे राजी होंगे ? यही सवाल इन दिनों मुंबई में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस बार के बीएमसी चुनाव में तीन उम्मीदवार ऐसे हैं जो पहले कभी विधायक थे लेकिन जब वे विधायक का चुनाव हार गए तो एक बार फिर से अपनी किस्मत आजमाने के लिए वे बीएमसी चुनाव मैदान में कूद पड़े हैं। अब चर्चा इस बात की है कि क्या विधायक का स्तर इतना ज्यादा गिर गया है या फिर कथित उम्मीदवारों ने बीएमसी की सत्ता हासिल करने के लिए इसे गिरा दिया। ऐसे में वे यदि चुनाव हार गए तो क्या आने वाले दिनों में वे हाउसिंग सोसायटी का चुनाव लड़ेंगे ?
इसके साथ ही हम आपको बता दें कि इस बार के बीएमसी चुनाव में तीन पूर्व और एक वर्तमान महापौर भी चुनाव मैदान में हैं। वैसे तो मुंबई महानगरपालिका का सालाना आर्थिक बजट लगभग 37000 करोड़ रुपये के आसपास है और इस पैसे के खर्च का निर्णय नगरसेवक ही लेता है लेकिन इतनी बड़ी रकम का निर्णय करने वाला नगरसेवक का चुनाव भला कौन नहीं लड़ना चाहेगा ? नगरसेवक चुने जाने के बाद विधायक और विधायक बनने के बाद नेता अक्सर सांसद बनने के सपने देखता है लेकिन ऐसा पहली बार देखा जा रहा है कि एक नगरसेवक जो कभी विधायक हुआ करता था लेकिन विधायक का चुनाव हारने के बाद वो आज एक बार फिर से नगरसेवक बनने चाह रखते हैं। कुलमिलाकर मुंबई महानगरपालिका चुनाव की बहती गंगा में हर कोई अपने हाथ धो लेना चाहता है।
विधायक रहे नेताओं में नगरसेवक का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों में सबसे पहला नाम है भारतीय जनता पार्टी के महाराष्ट्र प्रवक्ता अतुल शाह का, जो महाराष्ट्र विधानसभा में जनता की आवाज बुलंद करने के बाद गत विधानसभा चुनाव हार गए। फिलहाल वे मुंबादेवी विधानसभा के अंतर्गत आने वाले वार्ड क्रमांक 220 से बीएमसी चुनाव लड़ रहे हैं। अतुल शाह के बीएमसी चुनाव लड़ने पर बीजेपी के भीतर विरोधी स्वर उठने लगे हैं। दूसरा नाम आता है शिवसेना की विशाखा राउत का जिन्होंने नगरसेवक से मेयर के पायदान तक का सफर तय किया।
विशाखा राउत पहली बार विधानसभा चुनाव जीत कर विधायक बनी लेकिन दूसरी बार विधानसभा चुनाव हारने के बाद वो विधायक नहीं रही और अब फर्श से अर्श तक का सफर तय करने वाली विशाखा एक बार फिर नगरसेवक बनने के लिए बीएमसी चुनाव लड़ने जा रही है।  इसी तरह मुंबई के नगरसेवक मंगेश सांगले विक्रोली विधानसभा से चुनाव जीत कर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की टिकट पर विधायक बने थे लेकिन गत विधानसभा चुनाव हारने के बाद एक बार फिर से वे भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर बीएमसी चुनाव लड़ने जा रहे हैं।
इसके अलावा फैय्याज अहमद के बारे में बताया जाता है कि वे विधानसभा चुनाव जीत कर विधायक बने और बाद में बीएमसी चुनाव में अपनी किस्मत अजमाया।  बीमएसी चुनाव जीतकर वे नगरसेवक बने लेकिन मनपा सभागृह में उनकी उपस्थिति बेहद कम रही। आपको बता दें कि तीन पूर्व और एक वर्तमान महापौर भी बीएमसी चुनाव मैदान में कूद पड़े हैं। श्रद्धा जाधव, विशाखा राउत और मिलिंद वैद्य को शिवसेना ने महापौर बनाया था जबकि मुंबई की वर्तमान महापौर स्नेहल आंबेकर हैं।  फिलहाल शिवसेना ने एक बार फिर से इन तीनो को चुनाव मैदान में उतार दिया है ऐसे में मुंबईकरों में ये चर्चा का विषय बना हुआ है कि लोग नीचे से ऊपर की सीढ़ी चढ़ते हैं तो आखिर ये नेता ऊपर से नीचे की सीढ़ी क्यों उतरने पर अमादा हैं ?