मुंबई में बनेगा शिवसेना का महापौर !

 04 Mar 2017  1675
संजय मिश्रा / in24 न्यूज़
मुंबई महानगरपालिका चुनाव संपन्न होने के बाद महापौर को लेकर जो अटकलों का बाजार गर्म था वो अब शांत हो चुका है। मेयर के रूप में शिवसेना के उम्मीदवार की ताजपोशी का रास्ता अब साफ़ हो गया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार शाम को इसकी औपचारिक घोषणा करते हुए कहा कि बीजेपी आठ मार्च को होने वाले मेयर पद का चुनाव नहीं लड़ेगी। मुख्यमंत्री फडणवीस ने यह भी कहा कि बीजेपी के फैसले को उनकी सरकार स्थित बनाये रखने के लिए किया गया समर्पण नहीं माना जाना चाहिए।  पत्रकारों को संबोधित करते हुए फडणवीस ने कहा कि मुंबई की जनता ने बीजेपी के लिए पूरे जोश के साथ मतदान किया क्योंकि उन्हें निगम प्रशासन में पारदर्शिता के बीजेपी के एजेंडे पर भरोसा है।
फडणवीस ने शिवसेना को बड़ी पार्टी बताते हुए बीजेपी को दूसरे नंबर की पार्टी बताई। उन्होंने साफ़ किया कि महापौर बनाने के लिए उनके पास पर्याप्त नगरसेवकों की संख्या नहीं है। इसके साथ ही फडणवीस ने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी उपमहापौर पद के लिए भी चुनाव नहीं लड़ेगी और स्थायी, सुधार और शिक्षा समितियों के साथ साथ बेस्ट समिति के अध्यक्ष पद के लिए भी चुनाव नहीं लड़ेगी।  मुख्यमंत्री ने साफ़ तौर से कहा कि बीजेपी को अपना महापौर बनाने के लिए अन्य राजनीतिक दलों के समर्थन की दरकार थी।
भारतीय जनता पार्टी के पास दो ही विकल्प थे एक तो बहरी समर्थन लेकर अपना महापौर बनाना, जिसका अर्थ होता है कि पारदर्शिता के मामले में समझौता कर लिया गया। और दूसरा अर्थ यह था कि जनता द्वारा बीजेपी पर जताए गए विश्वास को उचित ठहराना ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ने दूसरा विकल्प चुना।  मुख्यमंत्री फडणवीस के अनुसार मेयर के मुद्दे का बीजेपी सरकार की स्थिरता से कोई लेना-देना नहीं है। आपको बता दें कि मनपा चुनाव के बाद महाराष्ट्र सरकार की स्थिरता पर अटकलों का बाजार गर्म था लेकिन मुख्यमंत्री के फैसले ने इस बात को साफ़ कर दिया है कि मेयर के चुनाव से राज्य सरकार की स्थिरता का कोई संबंध नहीं है।
वहीं दूसरी तरफ शिवसेना ने बृहन्मुम्बई नगर निगम में महापौर और उपमहापौर के पदों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी।  बीएमसी चुनावो के नतीजों में किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिल पाया है। आठ मार्च को होने वाले मेयर और डिप्टी मेयर पदों के चुनाव के लिए शिवसेना की ओर से उम्मीदवारों की घोषणा इस बात के संकेत हैं कि पार्टी बीजेपी के साथ चुनाव के बाद गठबंधन के पक्ष में नहीं है। शिवसेना के वरिष्ठ नेता और विभाग प्रमुख अनिल परब ने बताया कि विश्वनाथ महाडेश्वर मेयर पद के उम्मीदवार हैं जबकि हरेश्वर वर्लीकर डिप्टी मेयर पद के लिए शिवसेना की तरफ से उम्मीदवार होंगे। बीएमसी चुनावों में 84 सीटें जीतकर शिवसेना सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी जबकि भाजपा 82 सीटें जीतकर दूसरे पायदान पर रही. हालांकि, 227 सदस्यों वाली बीएमसी की सत्ता में आने के लिए जरुरी 114 सीटें किसी पार्टी को नहीं मिल सकी।
 बहरहाल, सबसे ज्यादा पार्षदों वाली पार्टी दोनों पदों के लिए अपने उम्मीदवारों को निर्वाचित करा सकती है, बशर्ते अन्य पार्टियां एकजुट होकर अपने संयुक्त उम्मीदवार नहीं उतारें। स्थानीय संगठन अखिल भारतीय सेना की उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल करने वाली गीता गवली की ओर से भाजपा को समर्थन दिए जाने का ऐलान किए जाने के बाद पार्टी का संख्याबल 83 हो गया है। बीएमसी में अभी शिवसेना के पास 84 सीटें हैं और उसे चार निर्दलीयों का समर्थन है। भाजपा को 82 सीटें मिली हैं जबकि अखिल भारतीय सेना के एक पार्षद ने उसे समर्थन देने का ऐलान किया है। कांग्रेस के पास 31, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के पास नौ, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के पास सात, समाजवादी पार्टी (सपा) के पास छह, एआईएमआईएम के पास दो, एबीएस की एक और एक निर्दलीय की सीटें हैं।  ऐसे में यह कहा जा सकता है कि भले ही मुंबई महानगरपालिका चुनाव में अप्रत्याशित जीत हासिल करने वाली शिवसेना अपना महापौर बनाएगी लेकिन बीजेपी और शिवसेना युति की सरकार महाराष्ट्र में और कितने दिन टिक पायेगी ये कहना मुश्किल है