कोलकाता रेप- मर्डर केस: राजस्थान में डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन

 17 Aug 2024  279

कोलकाता में हुई डॉक्टर से हैवानियत के बाद पूरा देश गुस्से में उबल रहा है। महिला डॉक्टर को इंसाफ दिलाने के लिए सड़कों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। खासकर देश के रेजिडेंट डॉक्टरों का तो मानों गुस्सा फूट पड़ा है। राजधानी दिल्ली की निर्भया को इंसाफ दिलाने के लिए जिस तरीके से लोग सड़कों पर उतरे थे ठीक उसी तरह अब कोलकाता के निर्भया को इंसाफ़ दिलाने के लिए डॉक्टर्स  प्रतिबद्ध नजर आ रहे है और लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। वहीं चिकित्सा अधिकारी संघ के तत्वावधान और आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी जयपुर के आह्वान पर डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर ओपीडी सेवाओं का बहिष्कार  किया और घटना को लेकर अपना विरोध जताया। दरअसल इस मामले के बाद रेजिडेंट डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हुए हैं। हालांकि डॉक्टरों के गुस्से के बीच केंद्र सरकार ने उनकी सुरक्षा के लिए बड़ा फैसला लिया हैं। चित्तौड़गढ़ में आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी संघ जयपुर के आह्वान पर जिला शाखा के सभी आयुर्वेद और होम्योपैथिक चिकित्सकों नें दोपहर 12 से 1 बजे तक ओपीडी सेवाओं का बहिष्कार किया और काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज करवाया। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। 

पश्चिम बंगाल के कोलकाता में  8 और 9 अगस्त की रात आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में महिला डॉक्टर से हुई बर्बरता और हैवानियत के बाद इंसाफ और न्याय की गूंज देश के हर कोने में और तेज होती जा रही है। शहर-शहर, सड़क-सड़क डॉक्टर अपने साथी के साथ दुष्कर्म और हत्या के बाद इंसाफ मांग रहे हैं। जिसको लेकर हड़ताल और विरोध प्रदर्शन का सिलसिला जारी है। कोलकाता की निर्भया को इंसाफ दिलाने के लिए सड़कों पर संघर्ष शुरू है। इसी कड़ी में  इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने डॉक्टर से हुई दरिंदगी और उसके बाद हुई तोड़फोड़ के विरोध में आज देशव्यापी प्रदर्शन का आह्वान किया है। आईएमए ने सुबह 6 बजे से 24 घंटे के लिए सभी अस्पतालों में गैर-आपातकालीन सेवाएं बंद रखने की घोषणा की है। मेडिकल बॉडी ने एक बयान में कहा कि आवश्यक सेवाएं जारी रहेंगी और कैजुअल्टी वॉर्ड चालू रहेंगे।

वहीं हड़ताल का असर समूचे देश में देखने को मिल रहा है। कोटा में सभी  निजी और सरकारी अस्पतालों में 24 घंटे के लिए ओपीडी बंद है। सरकारी अस्पताल में केवल इमरजेंसी सेवाएं चालू है। यहां सीनियर डॉक्टर और यूनिट हेड ने मोर्चा संभाला है। वहीं न्यू मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में रजिस्ट्रेशन काउंटर  बंद है। जिसके चलते मरीजों को भारी परेशानी हो रही है। मनोहर थाना से इलाज के लिए आए हेमराज ने बताया कि उसके पैर में दिक्कत है। 10 दिन बाद आज दुबारा डॉक्टर को दिखाने आया था। लेकिन अस्पताल में हड़ताल के चलते इलाज नहीं मिल सका और उसे वापस जाना पड़ रहा है। हेमराज जैसे कई मरीज है जो रूटीन जांच के लिए हॉस्पिटल आए लेकिन निराश होकर वापस लौटे हैं। इसके अलावा कोटा के एमबीएस और जेके लोन हॉस्पिटल में भी लगातार यही हालात है। यहां इमरजेंसी मरीजों की कतार लगी है। जिन्हे सीनियर डॉक्टर देख रहे है।