फेस्टिवल सेल में चीनी हैकर्स ने किया भारतीयों पर हमला

 19 Dec 2020  1062

संवाददाता/in24 न्यूज़.
अपनी ओछी हरकतों से चीन और पाकिस्तान नहीं सुधर सकते. दुनिया को अपने शहर वुहान से कोरोना जैसी महामारी देनेवाले चीन में हैकर्स के मन काफी बढे हुए हैं. बता दें कि अब चीन के गुआंगडोंग और हेनान के हैकर्स ने फ्लिपकार्ट फेस्टिव सीजन सेल्स के दौरान भारत के ऑनलाइन शॉपर्स को निशाना बनाया है। साइबरपीस फाउंडेशन ने शुक्रवार को बताया है कि फ्लिपकार्ट ने अक्टूबर में अपनी 'बिग बिलियन डे सेल' की घोषणा की थी। चाइनीज हैकर्स ने मौका देखकर 'स्पिन द लकी व्हील' नाम के स्कैम से ऑनलाइन खरीदारों को टारगेट किया है। चाइनीज स्कैमर ने इस मौके पर इससे मिलता-जुलता 'अमेजॉन बिग बिलियन डे सेल' नाम का स्कैम तैयार किया। गौरतलब है कि अमेजॉन असल में इस फेस्टिवल को 'ग्रेट इंडियन फेस्टिवल' नाम से मनाता है, जिसमें अमेजॉन के अधिकतर प्रॉडक्ट्स पर डिस्काउंट और ऑफर्स दिए जाते हैं। भारत में इंटरनेट यूजर्स को क्लिक करने और कॉन्टेस्ट में हिस्सा लेने के लिए फर्जी लिंक्स भेजे जाते थे, जिसमें लोगों से कहा जाता था कि वह स्मार्टफोन जीत सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन लोगों को यह विश्वास था कि उन्होंने पुरस्कार के रूप में फोन जीता था, उन्हें वॉट्सऐप के माध्यम से अपने दोस्तों और परिवार के साथ लिंक शेयर करने के लिए कहा जाता था। अब सामने आया है कि सभी डोमेन लिंक चीन में विशेष रूप से गुआंग्डोंग और हेनान प्रांत में 'फांग जिओ किंग' नामक एक संगठन में रजिस्टर्ड पाए गए हैं। हैकर्स ने इन डोमेन को अलीबाबा के क्लाउड कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर किया था। साइबरस्पेस फाउंडेशन के संस्थापक और अध्यक्ष, विनीत कुमार बताते हैं कि ई-कॉमर्स घोटाले नए नहीं हैं, लेकिन खतरनाक बात यह है कि चीन द्वारा बार-बार साइबर के माध्यम से हैकिंग जैसी चीजें की जा रही हैं। 'स्पिन द व्हील' स्कैम कोई नई घटना नहीं है, पिछले कुछ सालों से यह हो रहा है। वह आगे कहते हैं, ' रिसर्च बताता है कि भारत में 100 मिलियन से अधिक ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले लोग हैं और जितने अधिक लोग ऑनलाइन आएंगे उतने ही अधिक स्कैम भी होंगे।' मार्केट रिसर्च फर्म के अनुसार, फ्लिपकार्ट ऑनलाइन शॉपिंग में सबसे ऊपर रहा है। पूरे फेस्टिव सीजन में फ्लिपकार्ट ग्रुप की 66 प्रतिशत सेल हुई है। विनीत कुमार आगे कहते हैं कि इन घोटालों के माध्यम से इकट्ठा की गई जानकारी का उपयोग साइबर हमलों के लिए  किया जा सकता है, 'विशेष रूप से टियर 2 और टियर 3 शहरों के इंटरनेट यूजर्स को ज्यादा निशाना बनाया जाता है। जहां ऐसे स्कैम्स के बारे में जागरूकता कम है।' रिपोर्ट में कहा गया है कि ये लिंक अभी तक भी ऐक्टिव हैं। हैकर्स ने इसके लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फेक अकाउंट बनाने के लिए नकली फोटोज और कमेंट्स का भी इस्तेमाल किया है। बता दें कि आज के दौर में चीनी हैकर्स से संभलकर रहना ज़रूरी है वर्ना इनकी कारगुज़ारी नुक्सान के अलावा कुछ नहीं देनेवाली.