जनसेवा का दूसरा नाम डॉ परमिंदर पांडे

 18 Feb 2022  1220

संजय मिश्रा/in24न्यूज़/मुंबई

मुंबई समेत महाराष्ट्र के ठाणे और उससे सटे आस पास के इलाकों में डॉ परमिंदर पांडे पूरी निष्ठा के साथ जनसेवा में लगे हुए हैं. लोगों के स्वास्थ्य के साथ-साथ जिस तरह से वो अपनी संस्था के जरिए समाज के अलग-अलग क्षेत्रों की विभितियों को वे न सिर्फ सम्मानित करते है बल्कि प्रशस्ति पत्र देकर उनका गौरवान्वित करने का काम करते हैं..आज वर्तमान में बालाजी हॉस्पिटल उनके संरक्षण में संचालित किया जा रहा है, जो सिर्फ लोंगो का इलाज ही नहीं करता बल्कि एथा शक्ति जरूरतमंदों की मदद भी करता है. जैसा कि कोरोना काल मे सैकड़ो लोंगो को राशन, दवा, भाड़ा, ट्रांसपोर्ट की सुविधा देते हुए एक प्रखर समाजसेवी की भांति डॉ परमिंदर पांडे ने मील के पत्थर की भूमिका अदा की. 

      डॉ परमिंदर पांडे के सामाजिक कार्यों की दास्तान यहीं तक सीमित नहीं है अभी उनके संज्ञान में एक ऐसा मामला आया जिसमें समीदा सोनवणे नाम की एक होनहार छात्रा सिर्फ इसलिए अपना ग्रेजुएशन पूरा कर पा रही थी, चूंकि  उसके परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी. समीदा सोनवणे के माँ बाप बीमार व बेरोजगार हैं, नात बात रिश्तेदार इस स्थिति मे नहीं हैं कि उसकी पढ़ाई करवा सकें.  खुद समीदा सोनावाने नाबालिक होने के नाते कोई जॉब नहीं कर सकती. ठाणे जिले के दिवा इलाके मे समीदा अपने बीमार माता-पिता के साथ रहते हुए अपनी पढ़ाई को लेकर चिंतित थी. एक तो बीमार माता पिता का इलाज, ऊपर से घर की आर्थिक स्थिति बेहद खराब, ऐसे में उन्हें हिंदी, मराठी आता नहीं और इंग्लिश मीडियम के बच्चे उन्हें मिलते नहीं ताकि किसी तरह टूशन पढ़ाकर समीदा अपनी पढ़ाई पूरी कर सके. कुल मिलाकर समीदा पूरी तरह से टूट गयी थी लेकिन डॉ परमिंदर पांडे ने जब समीदा सोनवणे के बारे में सुना और समीदा के जज्बे को महसूस किया तो उन्होंने न सिर्फ समीदा सोनवणे की आर्थिक मदद की बल्कि बतौर ट्रेनिंग स्टाफ बालाजी अस्पताल में रख लिया. 

           दरअसल बात जनवरी 2022 के अंतिम सप्ताह की है, जब समीदा किसी मरीज को देखने बालाजी हॉस्पिटल आई,. कथित मरीज गरीब था, इसलिए डॉ परमिंदर पांडे उस मरीज की मदद करके मन ही मन ख़ुश हो रहे थे कि आज के खाते मे एक पुण्य जुड़ गया लेकिन उसी वक्त शमीदा के साथ आयी उसकी रिलेटिव ने डॉ परमिंदर पांडे को बताया कि शमीदा मुंबई के परेल स्थित अल्फ़ा कॉलेज मे पढ़ती है लेकिन मजबूरी वश वो फी नहीं भर पाने की वजह से एग्जाम में नहीं बैठ पायेगी. उन्होंने ये भी बताया कि 14 फरवरी 2022 फी भरने की अंतिम तारीख है. पूरे मामले को गौर से सुनने के बाद समीदा सोनवणे के फी भरने के पहले ही डॉ परमिंदर पांडे ने उसे ट्रेनिंग स्टाफ के रूप मे हॉस्पिटल बालाजी मे ट्रेनिंग के लिए रख लिया और उसके बाद कुछ सामाजिक मददगारो के पास मदद के लिए उसे भेजा लेकिन अफसोस कि काफ़ी भाग दौड़ के बाद भी किसी ने समीदा सोनावने की मदद नहीं की. आखिरकार विषम परिस्थिति व परेशानी भरे हालात मे भी डॉ परमिंदर पांडे ने अपने पास से समीदा के कॉलेज फी की स्वयं व्यवस्था की. 

    कोरोना महामारी के इस महासंकट काल में डॉ परमिंदर पांडे की ये दास्तान उन लोगों के लिए प्रेरणादायक होगी, जो लोग सबल और सक्षम हैं. ऐसे लोगों से in24न्यूज़ अपील करता है कि वो लोग मजबूती के साथ आगे आएं और ऐसी सभी समीदा सोनावाने की मदद करें, जिनके भीतर भारत का सुनहरा भविष्य छिपा हुआ है, ताकि वे अपनी पढ़ाई लिखाई पूरी करके न सिर्फ अपने माँ-बाप का सहारा बन सके, बल्कि नए भारत के निर्माण में अपना सहयोग और कौशल दिखा सकें.

 

इक्षुक भाई समीदा सोनावने को बालाजी हॉस्पिटल के अकाउंट के जरिये मदद कर सकते है!

खाता का नाम : बालाजी हॉस्पिटल

बैंक : भारत बैंक

शाखा : दिवा

खाता संख्या : 009012100001231

आईएफएससी कोड : BCBM0000091

निवेदक : डॉ. परमिंदर पाण्डेय : 8779611886