संवाददाता/ in24 न्यूज़
कहते हैं प्यार में इतनी ज्यादा शक्ति होती है कि अपने प्यार को हासिल करने के लिए प्रेम रोग से पीड़ित आशिक दुनिया से भी लड़ने को तैयार हो जाता है. उसके लिए जाति-धर्म, ऊंच-नीच, काला-गोरा और अमीरी गरीबी कोई मायने नहीं रखता। ऐसी ही एक खबर सामने आयी है महाराष्ट्र के पुणे शहर से, जहां एक मुस्लिम युवती ने मजहब की सभी दीवारों को तोड़ दिया और एक हिंदू लड़के से उसने शादी कर ली। यहां तक कि कथित लड़की ने अपना मुस्लिम धर्म बदल कर हिंदू धर्म को अपना लिया और लड़के के साथ शादी के सात फेरे लिए। कथित लड़की नाम अल्फिया हामिद जमादार है, जो पुणे के जुन्नर इलाके की रहने वाली बताई जा रही है. बचपन से ही छत्रपति शिवाजी महाराज की वीरता और उनकी धर्म परायणता के किस्से सुन कर बड़ी हुई अल्फिया को हिन्दू धर्म से प्यार हो गया. और फिर जैसे-जैसे उसने और जानकारी जुटाई उसका हिन्दू धर्म के प्रति आकर्षण और भी बढ़ता गया. यहां तक कि उसने अपने परिवार के खिलाफ जाकर एक हिन्दू लड़के को ही अपना जीवन साथी चुन लिया, जिसका नाम है अक्षय राउत। अक्षय भी पुणे के जुन्नर इलाके का ही रहने वाला है. अल्फिया और अक्षय दोनों ने एक दूसरे से शादी कर लिया। शादी के पहले अल्फिया ने हिन्दू धर्म अपना लिया और बन गयी अल्फिया से अपेक्षा। इस शादी से नाराज अल्फिया के परिवार वाले इस विवाह समारोह में शामिल नहीं हुए, वहीं वर पक्ष की ओर से आये बाराती और घर के लोग न सिर्फ इस शादी के गवाह बने, बल्कि अल्फिया को सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद भी दिया। बताया जा रहा है कि इनके बीच पहले दोस्ती हुई फिर प्यार हुआ. जिसके बाद धर्म-संप्रदाय के बंधन को दोनों ने तोड़ फेंका। इसके लिए अल्फिया को अपने परिवार के गुस्से का भी सामना करना पड़ा... लेकिन अपने प्यार पर अडिग अल्फिया नहीं मानी और हिंदू लड़के से शादी कर उसने मिसाल कायम कर दिया... मजहब की दीवार तोड़कर एक-दूसरे के संग सात फेरे लेने के बाद यह प्रेमी जोड़ा काफी खुश दिखाई दे रहा है।
मुस्लिम लड़की और हिंदू लड़के के प्रेम विवाह के साक्षी बने लोगाें ने इसे दहेज लोभी समाज के लिए प्रेरणादायक बताया. पुणे के एक हॉल में हिंदू रीति-रिवाज शादी करते हए दोनों ने पवित्र अग्नि के सात फेरे लेकर सात जन्मों तक एक दूसरे का साथ देने की कसमें खाई, तो वहीं अक्षय ने अपेक्षा बनी अल्फिया की मांग में सिन्दूर भर कर उसे अपना हमसफ़र बनाया। अपनी शादी में परिवार वालों के उपस्थित नहीं होने से जहां एक तरफ अल्फिया दुखी नजर आई तो वहीं दूसरी तरफ उसने संविधान के अनुसार शादी करने की बात कह कर कट्टरवादियों को आईना भी दिखाने का काम किया।