आर्थिक तंगी से जूझ रहे किसानों की अंधेरे में दीपावली
22 Oct 2022
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संवाददाता/ in24 न्यूज़।
एक तरफ दीपावली के त्यौहार को लेकर चारों तरफ हर्षोल्लास का माहौल दिखाई दे रहा है मिठाई और पकवानों से दुकानें सज गई हैं लेकिन वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे भी लोग हैं जिनकी दिवाली इतनी फीकी है कि उनके घर दीप नहीं बल्कि उनका दिल जल रहा है. यह वह लोग हैं जो इस देश के अन्नदाता है. जो देशवासियों का पेट भरने का काम करते हैं, लेकिन इनके सामने आज ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि उनकी हालत बद से बदतर हो चली है. महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले पिछले 10 महीनों में 120 किसानों ने आत्महत्या कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली, जिसके पीछे की वजह आर्थिक संकट बताया जा रहा है. जिसकी वजह से उन्हें अपने परिवार का पेट पालना भी मुश्किल सा हो गया था. महाराष्ट्र में लगातार हो रही बेमौसम बरसात की वजह से किसानों द्वारा उगाई गई फसलें पूरी तरह से तबाह हो गई। तो दूसरी ओर प्रशासनिक महकमे के अधिकारी कुंभकरण की नींद में इस कदर सो रहे हैं कि पंचनामा करने के लिए भी उनके पास वक्त नहीं है.अब किसानों के सामने दीपावली का त्यौहार है. यह दीपावली किसान और उनका परिवार कैसे मनाए यह सवाल अब किसानों के जेहन में घूमने लगा है.
महाराष्ट्र में राज्य सरकार की ओर से कई बार यह दावे किए गए कि महाराष्ट्र में आगे से किसान आत्महत्या नहीं करेंगे और अब किसानों की समस्याओं का समाधान करके सरकार इस राज्य को आत्महत्या मुक्त राज्य बनाएगी, लेकिन दुर्भाग्य इस बात का है कि शासन और प्रशासन के सभी दावे धरे के धरे रह गए और किसान आत्महत्या का सिलसिला महाराष्ट्र में आज भी बदस्तूर जारी है.चाहे वह मराठवाड़ा का नांदेड जिला हो या महाराष्ट्र का दूसरा कोई अन्य क्षेत्र। सिर्फ नांदेड़ में ही पिछले 10 महीनों में 120 किसानों ने आत्महत्या कर ली, जिसमें से 69 किसान ऐसे थे, जिनकी फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई ऊपर से साहूकार द्वारा लिया गया कर्ज, जिसे भरने में उनकी आर्थिक स्थिति पूरी तरह से चरमरा गई थी. एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने 77 मामलों में पहल करते हुए उन समस्याओं का निदान किया।लेकिन कई ऐसे भी किसान थे जिनकी पात्रता सुनिश्चित नहीं हो पायी लिहाजा उन्हें सरकार की तरफ से कोई आर्थिक मुआवजे की राशि अभी तक नहीं मिल पाई है।