कागजों में दर्ज अपनी मौत के खिलाफ ज़िंदा होने की लड़ाई में बुजुर्ग ने तोड़ा दम
18 Nov 2022
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<p style="text-align: justify;">संवाददाता/in24 न्यूज़. &nbsp;<br /> उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर (Sant Kabir Nagar) से एक हैरान करनेवाली खबर सामने आई है। यहां एक बुजुर्ग की दो बार माैत हुई है। एक बार कागजाें में और दूसरी बार सचमुच में। खेलई नामक यह बुजुर्ग पिछले छह साल से कागजों में दर्ज अपनी मौत के खिलाफ लड़ रहे रहे थे। इस लड़ाई के अंतिम चरण में उन्हें अफसरों के सामने पेश होकर खुद को जिंदा साबित करना था। इसी दाैरान कचहरी में खेलई की तबीयत बिगड़ गई और उनकी माैत हो गई। दरअसल 2016 में उनके बड़े भाई फेरई की मौत हुई थी, लेकिन उनकी जगह कागजों में छोटे भाई खेलई को मरा हुआ दिखा दिया गया। इसके बाद सरकारी अफसरों का खेल यहीं नहीं रुका, एक फर्जी वसीयत के जरिए जिंदा खेलई की संपत्ति की वसीयत बड़े भाई फेरई की पत्नी सोमारी देवी, उनके बेटे छोटेलाल, चालूराम और हरकनाथ के नाम से कर दी गई। इसकी जानकारी जब खेलई को हुई तो वह परेशान हो गए। वे SDM, तहसीलदार, नायब तहसीलदार के पास जिंदा होने का सबूत दे रहे थे। मगर कहीं सुनवाई नहीं हो रहीं थी। खेलई अपने बेटे हीरालाल के साथ बुधवार को तहसील पहुंचे। खेलई की अचानक तबीयत बिगड़ गई। करीब 11 बजे उनकी मृत्यु हो गई। खेलई के बेटे हीरालाल ने आंसू पोछते हुए बताया कि उनकी मां का निधन हो चुका है। उन्हें जीवन भर इस बात की दुख रहेगा कि उनके खुद के पिता को स्वंय को जिंदा साबित करने के लिए वर्षों लग गए और आखिरकर सच में उनका निधन हो गया। बता दें कि इससे पहले भी ऐसे अनेक मामले सामने आते रहे हैं!</p>