प्यास की शिद्दत को बर्दाश्त करना रोजे का इंतेहां
24 May 2018
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संववददाता/in24 न्यूज़
देशभर के कई राज्यों में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है कर्नाटक के गुलबर्ग जिले में चिलचिलाती गर्मी के कारण रोजेदारों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, गुलबर्ग का तापमान औसतन 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज किया जा रहा है। बढ़ी हुई गर्मी के कारण, दोपहर के दौरान रोजेदारों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। गर्मी से बचने के लिए रोजेदार दोपहर के समय घरों में आराम कर रहे हैं, या फिर मस्जिदों में आराम करते नजर आ रहे हैं।
रोजेदारों का कहना है कि रोजा इस्लाम के पांच फर्जों में से एक है। अगर कोई रोजेदार इसे बिच छोड़ तो ये एक गुनाह माना जाता है है। रोजे में कहा गया है कि तापमान जितना तेज हो पर रोजा बीच नहीं छोड़ा जाना चाहिए। वहीं कुछ एक रोज़ेदारों का कहना है कि प्यास की शिद्दत को बर्दाश्त करना ही असल रोजे का इन्तेहाँ होता इससे एक तरफ तो इनाम मजबूत है और दूसरी तरफ प्यास की शिद्दत भी दूर होती है । कुछ रोज़ेदारों का कहना है कि रोजे का उद्देश्य ही भूख और प्यास की शिद्दत का एहसास दिलाना है।
अमीर से अमीर ाादमी भी इस भूख और प्यास की शिद्दत के एहसास से जब रूबरू होता तब जाकर ही उसे उन महरूमों के भूख और प्यास की शिद्दत का भी एहसास होता है जिसके बाद मोहताजों की भूख और प्यास बुझाने के लिए हर रोजेदार अपनी तरफ से भी मदद करता है बहरहाल गुलबर्ग्ग की चिलचिलाती गर्मी के इस माहौल में राजेदारो को काफी दिक्कतों का सामना करना पद रहा है