मुंबई साइबर क्राइम ब्रांच की सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर सुवर्णा शिंदे ने की काउंसलिंग, छात्र ने बदला आत्महत्या का इरादा

 01 May 2023  2370

संजय मिश्रा/in24न्यूज़/मुंबई

इन दिनों सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल बड़ी तेजी से हो रहा है. इसी कड़ी में महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में परीक्षा में फेल हुए छात्र ने सुसाइड करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया, जिसमें उसने आत्महत्या करने का जैसे ही जिक्र किया वैसे ही मुंबई पुलिस के साइबर सेल की सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर सुवर्णा शिंदे की उस पोस्ट पर नजर पड़ गयी. नतीजा यह निकला कि इंस्पेक्टर सुवर्णा शिंदे ने तत्काल मेटा से संपर्क किया और आत्महत्या की पोस्ट करने वाले शख्स का मोबाइल नंबर हासिल कर लिया. मुंबई साइबर की तेज तर्रार पुलिस इंस्पेक्टर सुवर्णा शिंदे ने कथित शख्स से मोबाइल पर संपर्क कर उसे कुछ यूं समझाया कि उसने आत्महत्या का इरादा बदल दिया. सुवर्णा शिंदे ने उससे कहा कि, "क्या यार ! इतनी जरा सी बात के लिए तुम अपनी जिंदगी खत्म करने जा रहे हो, मैं भी जब स्कूल में थी तब फेल हुई थी अगर मैंने उस वक्त ऐसा कदम उठाया होता तो आज मैं एक पुलिस अधिकारी नहीं बन पाती. एग्जाम में फेल होने पर सुसाइड नहीं करते बल्कि फिर से तैयारी करते हैं ताकि अगली बार बेहतरीन अंक आ सकें." दरअसल मुंबई पुलिस की इंस्पेक्टर सुवर्णा शिंदे ने यह बात सोलापुर के एक स्टूडेंट से फोन पर कही, जो एग्जाम में फेल होने के बाद मौत को गले लगाने जा रहा था. जिसकी जानकारी मुंबई साइबर सेल की सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर को समय रहते ही मिल गयी. शुक्र इस बात का है कि इंस्पेक्टर सुवर्णा शिंदे की बात को कथित छात्र मान गया और उसने आत्महत्या करने का इरादा बदल दिया. दरअसल मुंबई समेत पूरे देश में आत्महत्या की घटनाएं बड़ी तेजी से बढ़ रही हैं. खासतौर पर युवाओं और स्कूल जाने वाले बच्चों में यह प्रवृति बड़ी तेजी से बढ़ रही है. हालांकि, इस तरह का आत्मघाती कदम उठाने वाले तथाकथित युवाओं को ऐसा करने से रोकने के काम में मुंबई पुलिस के कुछ अधिकारी बड़ी शिद्दत से जुटे हुए हैं. आपको बता दें कि सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर सुवर्णा शिंदे मुंबई पुलिस की छह सदस्यों वाली उस टीम की सदस्य हैं, जो सुसाइड करने वाले सोशल मीडिया पोस्ट पर नजर रखती हैं. साथ ही उन तमाम लोगों से संपर्क कर उन्हें आत्महत्या करने रोकती हैं. मुंबई की यह साइबर टीम फेसबुक और इंस्टाग्राम पर काफी एक्टिव है, जो ऐसे आत्मघाती पोस्ट डालने वालों पर पैनी नजर रखती है. इस साल बीते जनवरी महीने से लेकर अप्रैल तक के दौरान इस टीम ने देशभर में 31 लोगों को सुसाइड करने से रोका है, जो मुंबई पुलिस के लिए एक बड़ी कामयाबी मानी जा रही है. लोगों को आत्महत्या करने से रोकने के अलावा यह टीम ऑनलाइन क्राइम के रोजाना मामलों की छानबीन भी करती है. इस ख़ास टीम के सदस्य धवनिश पाटिल देर रात फोन पर लगे रहते हैं. वो रात तीन बजे भी फ़ोन पर व्यस्त पाए जा सकते हैं. धवनिश पाटिल का काम है कि इस तरह के खास इनपुट पर नजर रखें. जानकारी के लिए आपको बता दें कि मेटा ऐसे यूजर्स की पोस्ट के अलावा उनके कांटेक्ट नंबर भी उपलब्ध करवाता है. जिसके बाद साइबर की टीम उस व्यक्ति से संपर्क करने और उसे ऐसा करने से रोकने के काम में जुट जाती है. यदि उपलब्ध कराया गया फ़ोन नंबर शुरू है तो इंस्पेक्टर सुवर्णा शिंदे उसकी काउंसल करती हैं. हालांकि, जब फोन नंबर बंद होता है तो ऐसी स्थिति में पुलिस की मुश्किलें बढ़ जाती हैं. जिसके बाद पुलिस आईपी एड्रेस निकालकर नजदीकी पुलिस स्टेशन से संपर्क करती है. साथ ही उनसे यह अपील करती है कि उनकी टीम संबंधित व्यक्ति के घर जाए और उसे ऐसा न करने के लिए समझाएं.