खांसी बताएगी कोरोना है या नहीं
16 Apr 2020
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
आज दुनिया के अनेक देश कोरोना से लड़ने को अभिशप्त हैं. ऐसे में कोरोना वायरस को पहचानने के लिए वैज्ञानिकों ने कई तरीके अपना रखे हैं| एंटीबॉडी टेस्ट कर रहे हैं और साथ ही पीसीआर टेस्ट कर रहे हैं| विभिन्न तरीकों से मरीजों की जांच की जा रही है| इसमें एक बड़ा खतरा ये भी है कि इन जांचों के दौरान चिकित्साकर्मी भी संक्रमित हो जा रहे हैं| अब इसका एक बेहतरीन समाधान लेकर आ रहे हैं हमारे देश के वैज्ञानिक| बेंगलुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों ने सांस और खांसी से पैदा होने वाली आवाज की तरंगों से कोरोना को जांचने के लिए एक डिवाइस बना रही है| बेंगलुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिक सांस और खांसी से पैदा होने वाली आवाज की तरंगों से कोरोना को जांचने के लिए एक डिवाइस बना रहे हैं. वैज्ञानिक जांच के लिए इस बायोमार्कर की मात्रा निर्धारित करना है| जैसे ही बायोमार्कर तय हो जाएगा उसके बाद यह पता चल सकेगा कि बीमार आदमी की सांस और खांसी की आवाज सामान्य और सेहतमंद व्यक्ति से कितनी अलग है, वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना के संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं| ऐसे में इसकी सरल, किफायती और तेजी से जांच किया जाना बेहद जरूरी हो गया है| इस बीमारी के प्रमुख लक्षणों में सांस संबंधी समस्याएं शामिल हैं| इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य श्वसन तरंगों के जरिए बीमारी के बायोमार्कर का पता लगाना है | इस टीम में 8 वैज्ञानिक हैं जो आवाज आधारित तकनीक को तैयार कर रहे हैं| अगर इसमें सफलता मिलती है तो आज के दौर में जहां दुनिया के कई देश कोरोना के वायरस से संक्रमित होने के खतरे से जूझ रहे हैं, उसमें यह यह एक उम्मीद की किरण की तरह होगा.