टिक टॉक की गोपनीयता खतरे में
16 Apr 2020
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
आज टिक टॉक का इस्तेमाल लोग दुनिया के अलग-अलग देशों में बड़ी संख्या में कर रहे हैं. इसका फायदा है तो नुक्सान भी है. बता दें कि टिक टॉक को लेकर दो डेवलपर्स ने दावा किया है कि कंपनी अपने डेटा के भंडार को भेजने के लिए असुरक्षित नेटवर्क का इस्तेमाल करती है, जिससे टिकटॉक यूज़र्स की गोपनीयता जोखिम में पड़ रही है। ये दोनों आईओएस डेवलपर्स हैं और इनका कहना है कि टिक टॉक कथित तौर पर मीडिया कंटेंट को डाउनलोड करने के लिए असुरक्षित एचटीटीपी का इस्तेमाल करता है, जो यूज़र्स की गोपनीयता को खतरे में डालता है। आसान शब्दों में समझाएं तो, यदि एचटीटीपी में आने जाने वाला ट्रैफिक असुरक्षित हो तो उसे हैकर्स आसानी से ट्रैक कर सकते हैं और यहां तक कि उस डेटा को बदल भी सकते हैं। इसका मतलब है कि टिक टॉक यूज़र्स के डेटा को उनके वॉच हिस्ट्री सहित हैकर्स द्वारा एक्सेस किया जा सकता है। बता दें कि दोनों डेवलपर्स द्वारा टिकटॉक में हो रही इस सुरक्षा लापरवाही को लेकर कंपनी ने फिलहाल किसी प्रकार का जवाब नहीं दिया है। टिक टॉक ऐप ने हाल ही में गूगल प्ले स्टोर पर 1 बिलियन यानी 100 करोड़ डाउनलोड्स का आंकड़ा पार किया है। यदि दोनों डेवलपर्स की सुरक्षा में लापरवाही की यह बात सच होती है तो जाहिर सी बात है कि इस समय करोड़ों यूजर्स की प्राइवेसी खतरे में है।