मुंबई में मेनहोल्स से होने वाले हादसों के लिए बीएमसी जिम्मेदार - हाई कोर्ट

 07 Dec 2022  609

संवाददाता/in24 न्यूज़।   
आर्थिक राजधानी मुंबई में खुले मेनहोल्स और उनके कारण होने वाली दुर्घटनाओं को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। हाईकोर्ट ने बृहन्मुंबई नगर पालिका द्वारा इन ड्रेनेज चेंबरों को ढंकने के लिए किए जा रहे इंतजामों की तारीफ भी की। इसके साथ ही चेताया कि यदि इनकी वजह से कोई हादसा हुआ तो बीएमसी को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। मुख्य न्यायाधीश दीपंकर दत्ता और जस्टिस अभय आहूजा की पीठ ने कहा कि वह पूरी मुंबई में खुले ड्रेनेज मेनहोल्स की समस्या से चिंतित है। हाईकोर्ट ने बीएमसी से कहा कि वह इस समस्या का स्थाई समाधान निकाले। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 19 दिसंबर को होगी।  हाईकोर्ट ने पूरे महाराष्ट्र में गड्ढों की बढ़ती संख्या और खुले मैनहोल पर चिंता जताने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह बात कही। वहीं बीएमसी के वकील अनिल सखारे ने हाईकोर्ट को बताया कि नगर निगम खुले मैनहोल की समस्या से युद्ध स्तर पर निपट रहा है। सभी खुले मेनहोल्स को बंद करने का काम चल रहा है। इस पर पीठ ने कहा कि बीएमसी के प्रयासों की सराहना की जाती है, लेकिन अगर तब तक कोई अप्रिय घटना होती है तो इसके लिए उसे जिम्मेदार माना जाएगा।सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश दत्ता ने बीएमसी के वकील से कहा, आप अच्छा काम कर रहे हैं, लेकिन अगर किसी को नुकसान होता है, तो हम आपको जिम्मेदार ठहराएंगे। हम बीएमसी की सराहना कर रहे हैं, लेकिन अगर मेनहोल्स खुला हो और कोई नीचे गिर जाए तो क्या होगा? ऐसी स्थिति में हम पीड़ित को मुआवजे के लिए दीवानी मुकदमा दायर करने को नहीं कहेंगे...हम कहेंगे कि आपके अधिकारी जिम्मेदार हैं।' इसके साथ ही हाईकोर्ट ने सुझाव दिया कि बीएमसी को आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी की मदद से कुछ ऐसा तंत्र तैयार करना चाहिए, जिससे मेनहोल्स का ढक्कन हटते ही संबंधित अधिकारी अलर्ट हो जाएं। पीठ ने बीएमसी से कहा कि उसे कुछ प्रगतिशील तरीके से सोचना चाहिए। यह आपका काम है। हम हमेशा यह नहीं कह सकते कि क्या किया जाना चाहिए। खुले मेनहोल्स की समस्या से निपटने का कोई मानक तरीका खोजा जाना चाहिए।