करीब 44 साल बाद बदला फ्लाइंग रानी का स्वरुप, डबल डेकर की जगह लगे एलएचबी रेक।
17 Jul 2023
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संवाददाता/in24 न्यूज़।
आर्थिक राजधानी मुंबई को गुजरात के सूरत से जोड़ने वाली प्रसिद्ध फ्लाइंग रानी एक्सप्रेस ट्रेन में पश्चिम रेलवे ने बड़ा बदलाव किया है. यह ट्रेन 18 दिसंबर 1979 से देश की एक मात्र डबल डेकर ट्रेन के रूप में परिवर्तित हुई थी. लेकिन अब करीब 42 साल बाद बिना डबल डेकर कोच के फ्लाइंग रानी एक्सप्रेस को केंद्रीय रेल राज्य मंत्री दर्शना जरदोश ने मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। पश्चिम रेलवे द्वारा यात्रियों की यात्रा का अनुभव और अधिक आरामदायक बनाने के लिए ट्रेन संख्या 12921/12922 मुंबई सेंट्रल - सूरत फ्लाइंग रानी एक्सप्रेस के पारंपरिक कोच को एलएचबी रेक में बदलने का निर्णय लिया है. केंद्रीय रेल राज्य मंत्री ने परिवर्तित ट्रेन को हरी झंडी दिखाई और इस बेहद लोकप्रिय ट्रेन में मुंबई सेंट्रल से सूरत तक यात्रा भी की. इस ट्रेन में 21 कोच होंगे जिनमें एसी चेयर कार 'आरक्षित' सेकंड क्लास सीटिंग कोच, जिसमें 7 कोच होंगे। एक कोच प्रथम श्रेणी एमएसटी पास धारकों के लिए निर्धारित होगा। और 6 कोच अनारक्षित होंगे और सामान्य द्वितीय श्रेणी कोच जिसमें 1 कोच सामान्य के रूप में चिह्नित किया जाएगा, जबकि 1 कोच द्वितीय श्रेणी एमएसटी पास धारकों के लिए, 1 कोच महिलाओं के लिए और एक कोच द्वितीय श्रेणी एमएसटी महिला पास धारकों के लिए निर्धारित रहेगा। इस बदलाव से यात्रियों को सुविधा मिलने के साथ ही सुरक्षा में भी वृद्धि होगी।
देश में रेलवे का इतिहास बहुत पुराना है रेलवे और उसकी ट्रेनों ने देश को आपस में जोड़ने और देश की प्रगति में महत्वपूर्ण किरदार निभाया है. ऐसे में कई ऐसी ट्रेनें हैं जो बहुत पुरानी है और रेलवे मार्ग का अभी भी अहम हिस्सा है. देश में मुंबई से गुजरात रेल मार्ग हर लिहाज से महत्वपूर्ण है. इस मार्ग पर रोजाना लाखों लोग गुजरात से मुंबई और मुंबई से गुजरात का सफर करते हैं. वही 1906 में ब्रिटिश काल से शुरू की गई फ्लाइंग रानी एक्सप्रेस अभी भी लोगों में बड़ी लोकप्रिय है। साल 1965 में फ्लाइंग रानी एक्सप्रेस ट्रेन में एक और उपलब्धि हासिल की जब इसे देश की सबसे तेज मध्यम दूरी की ट्रेन घोषित किया गया. इसी दौरान इस ट्रेन के डिब्बों का रंग बदला गया और पश्चिम रेलवे द्वारा इसे नीले रंग का एक अलग हल्का और गहरा कोट दिया गया. नवंबर 1976 में इस ट्रेन को हल्के और गहरे हरे रंग में रंगा गया. जून 1977 से यह ट्रेन परिष्कृत विद्युत कर्षण पर चलाई जाने लगी. 18 दिसंबर 1979 को फ्लाइंग रानी भारतीय रेल इतिहास में डबल डेकर कोच वाली पहली ट्रेन बन गई. यह ट्रेन यात्रियों, व्यवसायियों और व्यापारियों के बीच काफी ज्यादा लोकप्रिय है. क्योंकि यह दो वाणिज्यिक केंद्रों को जोड़ती है।