मुंबई के कॉलेज में हिजाब पहनने से छात्राओं को रोके जाने के बाद जमकर हुआ बवाल
03 Aug 2023
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शुभम मिश्रा/in24news
कर्नाटक में हुए हिजाब विवाद ने पूरे देश में स्कूल कॉलेजों में पहनने पर हिजाब पहनने पर बहस छेड़ दी थी. वहीं अब आर्थिक राजधानी मुंबई में भी कॉलेज में हिजाब पहनकर आने को लेकर बवाल देखने को मिला है. दरअसल चेंबूर इलाके में स्थित एनजी आचार्य एंड डीके मराठे कॉलेज में बुधवार की दोपहर कुछ छात्राएं हिजाब पहनकर पहुंची थी. लेकिन कॉलेज प्रशासन ने छात्राओं को प्रवेश करने से रोक दिया. जिसके बाद वहां बवाल शुरू हो गया. छात्राओं को रोकने की जानकारी मिलने के बाद उनके पेरेंट्स भी मौके पर पहुंच गए. छात्राओं का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन ने उन्हें हिजाब और बुर्खा उतार कर आने के लिए कहा. वहीं कॉलेज के अंदर बवाल बढ़ा तो सूचना के बाद मौके पर पुलिस पहुंच गई और मामले को शांत कराया. पुलिस और अभिभावकों के साथ बातचीत के बाद छात्राओं को कॉलेज के अंदर जाने की अनुमति मिली. फिलहाल मौके पर पुलिस बल तैनात है. वहीं इस पूरे मामले में कॉलेज प्रशासन का कहना है कि, हमने इस साल से ड्रेस कोड लागू किया है. जिसको लेकर हमने छात्रों के अभिभावकों के साथ मई महीने में बैठक कर इस फैसले की जानकारी दी थी. कॉलेज प्रशासन ने कहा कि जब ड्रेस कोड लागू करने के फैसले की जानकारी अभिभावकों को दी गई, तो उन्होंने हामी भरी थी. आपको बता दें कि कॉलेज प्रशासन ने हिजाब, बुर्का, दुपट्टा और स्कार्फ पहनकर आने पर पाबंदी लगा दी है. बावजूद इसके जब छात्राएं हिजाब पहनकर आई और जबरन हंगामा किया है. कॉलेज प्रशासन ने साफ-साफ कहा है कि यदि किसी को ड्रेस कोड को लेकर आपत्ति है, तो वह कॉलेज बदलने के लिए स्वतंत्र है. वहीं इस पूरे मामले में मुस्लिम समुदाय के अभिभावकों का कहना है कि हमारी लड़कियां घर से हिजाब और बुर्का पहनकर निकलती हैं, और यदि उन्हें कॉलेज में बदलने के लिए कहा जाएगा तो यह मुमकिन नहीं है. अभिभावकों ने मांग की है कि कम से कम छात्राओं को दुपट्टा पहन कर आने की इजाजत दी जाए. दरअसल छात्राओं का कहना है कि वह बिना दुपट्टे के अपने आप को असहज महसूस करती हैं. फिलहाल मौके पर पुलिस बल तैनात है. लेकिन अब देखना यह दिलचस्प होगा कि क्या स्कूल प्रशासन अपने फैसले को बदलता है या फिर ड्रेस कोड में ही लड़कियों को आने की इजाजत दी जाएगी.