आर्थिक राजधानी मुंबई में वायु प्रदूषण का स्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा है ऐसे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पिछले दिनों मुंबई में प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए मुंबई की 1000 किमी सड़कों को प्रतिदिन धोने का निर्देश बीएमसी को दिया था। बीएमसी ने 1 दिसंबर से इन सड़कों को पानी से धोने की योजना बनाई है। बीएमसी के अडिशनल कमिश्नर डॉ. सुधाकर शिंदे ने बताया कि अभी मुंबई की करीब 267 किमी लंबी सड़कें प्रतिदिन पानी से धोई जा रही हैं। बीएमसी ने अभी सड़क की धुलाई के लिए 150 टैंकर भाड़े पर लिया है, जिसकी मदद से धुलाई कार्य किए जा रहे हैं। हमारी योजना सोमवार से मुंबई की 500 किमी लंबी सड़कों को धोने की है, जबकि एक दिसंबर से मुंबई की 1000 किमी लंबी सड़कें धोई जाएंगी। इतनी लंबी सड़कों की धुलाई के लिए करीब 500 टैंकर पानी की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि सभी 24 वॉर्डों के असिस्टेंट कमिश्नर को निर्देश दिया गया है कि वे पानी की व्यवस्था करें।
मुंबई में कुल 2050 किमी. मुख्य सड़क है, जिसमें से आने वाले दिनों में प्रतिदिन 1000 किमी लंबी सड़क की एक दिन छोड़कर लगातार धुलाई की जाएगी। 24 वॉर्डों में 60 फीट से अधिक चौड़ाई वाली सड़कों, व्यस्त फुटपाथों की सफाई और धुलाई का काम तेजी से किया जा रहा है। इसमें कुल 357 सड़कें और 676 किमी. लंबी सड़कें भी शामिल हैं। सड़कों से धूल साफ करने के लिए रीसाइकल से उपलब्ध पानी के साथ-साथ तालाबों, कुओं, बोरबेल जैसे स्थानीय जल स्रोतों से उपलब्ध पानी का उपयोग किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुंबई में 3 नवंबर से सड़कों की धुलाई का काम शुरू किया गया है। प्रदूषण से निपटने के लिए अब तक मुंबई सिटी की ही ज्यादातर सड़कों की धुलाई की जा रही है। इसके लिए बीएमसी को आलोचना का सामना भी करना पड़ा है। क्योंकि सबसे ज्यादा प्रदूषण मालाड, बांद्रा, गोवंडी जैसे स्थानों पर रेकॉर्ड हुआ है। इसलिए बीएमसी ने सड़कों पर पानी के छिड़काव का दायरा उपनगरों में बढ़ाने का निर्णय लिया है।