मुंबई की ट्रैफिक में जितना बजेगा हॉर्न, उतनी करनी होगी प्रतीक्षा
01 Feb 2020
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की ट्रैफिक समस्या से निबटने के लिए पुलिस ने एक अनोकहि योजना तैयार की है. अगर कोई भी सिग्नल के रेड लाइट पर इंतजार के दौरान बार-बार गाड़ी का हॉर्न बजता है तो सबको परेशानी होती है. अब भी अगर किसी ने रेड लाइट के बावजूद हॉर्न बजाएगा तो सिग्नल रेड ही रहेगी. क्योंकि ऐसे करने से पहले से ज्यादा इंतजार करना पड़ सकता है. हालांकि फिलहाल ये स्कीम मुंबई में लागू होने वाला है. दरअसल, मुंबई पुलिस ने ध्वनि प्रदूषण से बचने के लिए अनोखा कदम उठाया है. जिसके मुताबिक अगर कोई वाहन चालक रेड लाइट के दौरान बार-बार अपनी गाड़ी का हॉर्न बजाता है तो ट्रैफिक लाइट के समय को और बढ़ा दिया जाएगा. यानी अगर आप को रेड लाइट पर 50 सेकिंड इंतजार करना पड़ रहा है और आप बार-बार गाड़ी का हॉर्न बजा रहे हैं तो ट्रेफिक पुलिस रेड लाइट को 50 सेकिंड से बढ़ाकर 70-80 सेकिंड कर सकती है. देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में बढ़ते ध्वनि प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए शहर के उन ट्रैफिक सिग्नल पर डेसिबल मीटर लगाए हैं जहां ज्यादा ट्रैफिक होती है. पुलिस ने इस कैंपेन को पनिशिंग सिग्नल नाम दिया है. ज्वॉइंट पुलिस कमिश्नर (ट्रैफिक) मधुकर पांडेय का कहना है कि डेसिबल मॉनिटर ट्रैफिक सिग्नल से जुड़े हुए हैं. ज्यादा हॉर्न बजाने से जैसे ही डेसिबल लेवल 85 के खतरनाक स्तर पर पहुंचेता है तो सिग्नल का टाइम दोबारा रिसेट हो जाएगा, जिससे वाहन चालकों को सिग्नल पर दोगुना इंतजार करना पड़ेगा. गौरतलब है कि दुनिया के सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण वाले शहरों में मुंबई का नाम भी शामिल है. मुंबई में होने वाले ध्वनि प्रदूषण में सबसे ज्यादा प्रदूषण ट्रैफिक सिग्नल की वजह से होता है. क्योंकि कुछ लोग तो सिग्नल रेड होने के बावजूद भी हॉर्न बजाते रहते हैं. मधुकर पांडेय के मुताबिक, एफसीबी इंटरफेस के साथ मिलकर हमने यह पहल की है जिससे बेवजह हॉर्न बजाने की समस्या पर लगाम लगाई जा सके. बता दें कि इन डेसिबल मीटर को मुंबई के प्रमुख जंक्शन जैसे छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, मरीन ड्राइव, पेडर रोज, हिंदमाता सिनेमा दादर और बैंड्रा पर लगाया गया है.