अंशिका के साथ आवासीय विद्यालय की अन्य छात्राओं को भी थाना विजिट के लिए बुलाया गया था, बच्चियों ने जाना वह अपनी सुरक्षा कैसे कर सकती हैं और समस्या होने पर पुलिस में कैसे अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं. इसके साथ ही बच्चियों ने जाना पुलिस कैसे काम करती है. इसके बाद उन्होंने छात्राओं को पूरा थाना घुमया, हथियार, प्रोटेक्शन किट और दंगे के समय प्रयोग होने वाले आंसू गैस के गोले दिखाए. थाना घुमाने के बाद कोतवाल ने अपनी कुर्सी बच्ची अंशिका को सौंप कर उसे एक दिन का थानेदार बना दिया. इसके बाद कुर्सी में बिठा कर प्रभारी निरीक्षक के कार्यों व कर्तव्यों के बारे में बताया. एक दिन पहले महिला सशक्तीकरण के कार्यक्रम में सीओ सौम्या पांडेय के सामने छात्राओं को थाना घुमाने की प्रस्ताव रखा गया ताकि पुलिस को लेकर बच्चियों में झिझक है दूर हो सके.