बिहार की बेटी मलयाली में हुई टॉप

 17 Feb 2020  844

संवाददाता/in24 न्यूज़.  
सही शिक्षा से संसार बदला जा सकता है. इस बात को पूरी तरह से बिहार की बेटी ने चरितार्थ कर दिखाया है. बिहार की रोमिया काथुर ने केरल में प्रवासी मजदूरों के लिए आयोजित केरल भाषा की साक्षरता परीक्षा में टॉप किया है। 26 साल की काथुर के पति केरल के कोल्लम जिले के उमयानाल्लूर में जूस बेचते हैं। पहले पहल ये परिवार काम की तलाश में केरल पहुंचा था। तीन बच्चों की मां काथुर अपने पति के काम में हाथ बंटाती हैं। इस दौरान दंपत्ति को भाषाई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। रोमिया काथुर को पता चला कि राज्य सरकार ने प्रवासियों को मलयालम सिखाने के लिए चांगति नाम से योजना चला रखी है। उन्होंने योजना से जुड़कर मलयालम सीखनी शुरू की। महज चार महीने की मशक्कत के बाद उन्होंने आयोजित परीक्षा में टॉप किया। परीक्षा में करीब दो हजार प्रवासियों ने हिस्सा लिया था। चांगति (दोस्त) योजना का मकसद राज्य में रहने वाले प्रवासी मजदूरों को चार महीने के भीतर मलयाली भाषा सिखाना है। इस योजना की शुरुआत सबसे पहले एर्नाकुलम जिले से हुई जो अब पूरे राज्य में लागू है। इसके जरिए बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर स्थानीय मलयालम भाषा सीखकर अपना काम काज कर रहे हैँ। योजना में सर्वाधिक बिहार के प्रवासी मजदूर शरीक हो रहे हैं। स्थानीय भाषा की जानकारी के बाद ये प्रवासी मजदूर अपने रोजगार में और इजाफा कर रहे हैं। जिसे राज्य सरकार का भी प्रोत्साहन मिल रहा है। साथ ही योजना के जरिए स्थानीयता को लेकर संघर्ष भी कम हुआ है। भाषागत आधार पर भेदभाव को राज्य में कमजोर करने की ये बड़ी पहल मानी जा रही है।