हरियाणा से दरभंगा तक साइकिल से जाने वाली ज्योति के नाम डाक टिकट जारी
26 May 2020
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
एक ज़माना था जब लोग बेटे के लिए परेशान रहते थे. कुछतो आज भी बेटियों के नाम से चिढ़ते हैं. मगर जब से बिहार की बेटी ज्योति कुमारी ने गुरुग्राम से दरभंगा तक साइकिल पर बैठाकर उन्हें घर पहुंचाया उसकी चर्चा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने लगी. अब उसके सम्मान में डाक टिकट जारी किया गया है. बता दें कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के बीच एक बेटी ने बिहार का नाम रोशन किया तो डाक विभाग ने उसके सम्मान में डाक टिकट जारी कर दी. बिहार के दरभंगा जिले की रहने वाली 15 साल की ज्योति कुमारी ने वो कर दिखाया, जिसे करने की हिम्मत हर किसी में नहीं होती. लॉकडाउन के बीच ज्योति अपने बीमार पिता को साइकिल पर बैठाकर हरियाणा के गुरुग्राम से बिहार अपने घर लेकर पहुंच गई. करीब 1200 किलोमीटर का सफर ज्योति ने महज सात दिनों में पूरा कर लिया. पूूरी दुनिया में ज्योति का ऐसा डंका बजा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप ने भी ज्योति की तारीफ की. यही नहीं देशभर से ज्योति के हौसले को सलाम करने लगे. अब दरभंगा के डाक विभाग ने ज्योति के सम्मान में डाक टिकट जारी किया है. बता दें कि कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए देशभर में लगाए गए लॉकडाउन के चलते लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर अपने घर जाने के लिए पैदल ही चल रहे हैं. ऐसे में ज्योति को भी अपने पिता को लेकर अपने घर बिहार के दरभंगा पहुंचा था. बीमार पिता के लिए पैदल चलना मुश्किल था तो ज्योति ने एक साइकिल खरीदी और पिता को बैठाकर सफर शुरु कर दिया. 12 सौ किलोमीटर के सफर में ज्योति की मदद कुछ ट्रक वालों ने की और इस तरह ज्योति ने अपना सफर एक सप्ताह में पूरा कर लिया. उसके बाद मजबूरी में हिम्मत की मिशाल पेश करने वाली जांबाज ज्योति की तारीफ देश दुनिया में होने लगी. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप ने भी ज्योति के जज्बे को सलाम किया. अब इसी कड़ी में 15 साल की ज्योति के साहसिक काम के सम्मान में दरभंगा डाक विभाग ने माइ स्टाम्प डाक टिकट जारी किया है. खबरों के मुताबिक, दरभंगा पोस्ट विभाग के अधीक्षण उमेश चंद्र प्रसाद ने ज्योति के गांव जाकर खुद उसे यह डाक टिकट दिया और सम्मानित किया. अधीक्षक ने उसे 5,100 रुपए का चेक सौंप कर उसे फेरारी क्वीन का दर्जा भी दिया. आर्थिक मदद के साथ ज्योति को कपड़े भी दिए गए. अधीक्षक ने ज्योति के पिता को भी सम्मानित किया और ज्योति का पोस्ट ऑफिस में खाता भी खुलवाया. डाक अधीक्षक ने कहा कि उसने देश को महिला शक्ति का एक नया आयाम दिया है जिसने महज 15 साल की उम्र में ये जांबाजी दिखाई हो, वो आगे चलकर देश का कितना नाम रोशन करेगी. बता दें कि ज्योति के साहसिक कार्य के लिए खेल मंत्रालय की तरफ से भी कई घोषणाएं की गई हैं.