आंधी-तूफान से यूपी में 13 की मौत
31 May 2020
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
कोरोना की महामारी के बीच उत्तर और पश्चिम भारत के कई राज्यों में बारिश होने के कारण लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिली। बारिश के कारण शनिवार को पारा सामान्य स्तर से नीचे रहा। लेकिन उत्तर प्रदेश में आंधी और बारिश ने 13 लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश के उन्नाव और कन्नौज जिले में बारिश और आंधी/तूफान से 13 लोगों की मौत हो गई। उन्नाव में आठ लोगों की, जबकि कन्नौज में पांच लोगों की मौत हो गई। ठठिया थाना के प्रभारी विजय बहादुर वर्मा ने बताया कि 10 से अधिक पेड़ उखड़ गए और कई घरों को नुकसान पहुंचा है। इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में बिजली गिरने और आंधी से लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया। बयान में कहा गया है कि मृतकों में से प्रत्येक के परिजनों को 4-4 लाख रुपये और घायलों को पर्याप्त चिकित्सा मुहैया कराने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, वर्धा (विदर्भ) में देश का सबसे अधिक तापमान 42.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के चंद्रपुरा में शुक्रवार को अधिकतम तापमान 45.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आसमान में आंशिक रूप से बादल छाए रहने से पारा नीचे रहा और रविवार को भी ऐसे ही हालात बने रहने के आसार हैं। मौसम विभाग के अनुसार आठ जून से पहले दिल्ली में लू जैसी स्थिति नहीं रहने संभावना है। मौसम विभाग ने कहा कि अगले कुछ दिनों में देश में अधिकतम तापमान में बहुत अधिक वृद्धि होने की उम्मीद नहीं है। पूरे देश में अलग-अलग स्थानों और बिहार में तापमान में गिरावट की प्रवृत्ति देखी जा रही है। लखनऊ में अधिकतम तापमान सामान्य से चार डिग्री कम 35.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि 57.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार, कानपुर (54.6 मिमी), हरदोई, (4.2 मिमी), फुर्सतगंज (3.2 मिमी), शाहजहांपुर (1.4 मिमी) और आगरा (1.0 मिमी) में बारिश दर्ज की गई। मौसम में आए बदलाव से राजस्थान के कई इलाकों में आंधी आई और बारिश हुई है। इससे कई दिन से भीषण गर्मी से परेशान लोगों को कुछ राहत मिली है। मौसम पूर्वानुमान बताने वाली निजी एजेंसी ''स्काइमेट वेदर'' ने शनिवार को अपने तय समय से पहले केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून के पहुंचने की घोषणा की है, स्काइमेट के कार्यकारी अधिकारी जतिन सिंह ने कहा कि सभी परिस्थितियां जैसे वर्षा, ओएलआर वैल्यू और वायु की गति उस अनुकूल स्थिति में पहुंच चुकी हैं, जिससे केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून के पहुंचने की घोषणा की जा सके। बता दें केरल में मानसून की दस्तक देश में चार महीने की बारिश के मौसम की शुरुआत होती है। देश में जून से सिंतबर के बीच 75 प्रतिशत वर्षा होती है। स्काइमेट ने अनुमान जताया था कि केरल में मानसून 28 मई को दस्तक देगा और साथ ही इसके पहुंचने में दो दिन पहले अथवा बाद का अनुमान जताया गया था।