लाल हुआ लोनार झील का पानी

 11 Jun 2020  1007

संवाददाता/in24 न्यूज़.  
पानी का कोई रंग नहीं होता, बावजूद इसके महाराष्ट्र के बुलढाना में लोनार झील का पानी लाल हो गया है। जिसके बाद से लोग हैरान हैं। लोना झील के पानी के रंग में ये बदलाव पहली बार नजर आया है, जिसने नासा तक के वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया है। पिछले तीन-चार दिनों से स्थानीय लोगों ने लोनार झील के पानी के रंग में बदलाव देखा। पहले तो लोग इसे चमत्कार मानते रहे। इसके बाद कुछ समझदार लोगों ने इस बात की खबर वन विभाग के अधिकारियों को दी है। स्थानीय प्रशासन ने झील के पानी की टेस्टिंग करवाने की कार्रवाई शुरू कर दी है। हालांकि झील के पानी के लाल होने पर वैज्ञानिकों की अपनी ही थ्योरी है। जिसके मुताबिक झील में हैलोबैक्टीरिया और ड्यूनोनिला सलीना नाम के फंगस के चलते ही झील का पानी लाल हुआ है। निसर्ग तूफान के चलते जोरदार बारिश हुई इस वजह से हैलोबैक्टीरिया और ड्यूनोनिला सलीना कवक झील की तलहट में बैठ गए। इसी कारण से पानी लाल हो गया है। हालांकि वैज्ञानिक अपने ही तथ्यों को पक्का नहीं बता पा रहे हैं। उन्हें लगता है कि झील के पानी के लाल होने की कुछ और ठोस वजह भी हो सकती है. वैज्ञानिकों की बातों पर लोग कम ही तवज्जो दे रहे हैं। स्थानीय लोग इसे भगवान का चमत्कार ही मान रहे हैं। साथ ही झील के पानी के लाल होने को कोरोना वायरस और इससे जुड़ी मौतों से जोड़ रहे हैं। कुछ ऐसे लोग भी हैं जो भगवान के कुपित होने की भ्रामक बातें फैलाकर लोगों को डराने की कोशिश कर रहे हैं। ये जरूर है कि बड़ी तादाद में लोग इस झील के पानी को देखने के लिए दूर दराज से आने लगे हैं। गौरतलब है कि लोनार झील बेहद रहस्यमयी है. नासा से लेकर दुनिया भर की तमाम एजेंसियां इस झील के रहस्यों को जानने में बरसों से जुटी हुई है. लोनार झील का आकार गोल है जिसका ऊपरी व्यास करीब 7 किलोमीटर है। 150 मीटर गहरी इस झील के बारे में अनुमान लगाया जाता है कि किसी उल्का पिंड के गिरने से ये झील बनी होगी। लोनार झील के और भी कई रहस्य हैं जिसका पता लगाने में नासा जैसी संस्था भी विफल रही है।