3 घंटे 25 मिनट तक रहेगा रविवार को सूर्यग्रहण

 20 Jun 2020  986

संवाददाता/in24 न्यूज़.  
करीब नौ सौ सालों के बाद रविवार को सूर्यग्रहण का प्रभाव देखने को मिलनेवाला है. इसकी अवधि होगी 3 घंटे 25 मिनट की. इस सूर्यग्रहण से अनेक आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं. इस सूर्य ग्रहण को धार्मिक दृष्टि से महत्‍वपूर्ण माना जा रहा है। क्‍योंकि यह चंद्र ग्रहण के मात्र 16 दिन बाद लग रहा है जो कि हिंदू काल गणना के मान से 15 दिन की अवधि पूरी होने पर लगेगा। दूसरा यह ग्रहण कंकणाकृति होगा एवं भारत में खंडग्रास रूप में दिखाई देगा। पिछले दिनों पड़े चंद्र ग्रहण में तो सूतक मान्‍य नहीं था। लेकिन सूर्य ग्रहण में सूतक का काल मान्‍य होगा। इसकी अवधि 12 घंटे पहले से ही लग जाएगी। यह ग्रहण भारत, दक्षिण पूर्व यूरोप एवं पूरे एशिया में देखा जा सकेगा। सूर्य ग्रहण के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए शूकर क्षेत्र सोरों के  युवा ज्योतिषविद गौरव दीक्षित का कहना है कि पिछले साल के आखिरी सप्‍ताह और इस साल के पहले सप्‍ताह में ग्रहण का संयोग था। पहले सूर्य ग्रहण उसके बाद चंद्र ग्रहण लगा था। अब इस बार पहले चंद्र ग्रहण लगा है और उसके बाद सूर्य ग्रहण होगा। इसके बाद आगामी पांच जुलाई को एक बार फिर से चंद्र ग्रहण लगेगा। भारतीय मानक समय अनुसार सूर्य ग्रहण का आरंभ 21 जून की सुबह 10 बजकर 42 मिनट पर होगा। यह वलयाकार सूर्य ग्रहण रहेगा। इसका सूतक 20 जून की रात 10 बजे से आरंभ हो जाएगा। ग्रहण का मध्‍य 12 बजकर 24 मिनट दोपहर पर होगा। इसका मोक्ष दोपहर 2 बजकर 7 मिनट पर होगा। इस ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 25 मिनट की रहेगी। यह अधिकांश भू-मंडल पर दिखाई देगा। इसके बाद मौजूदा वर्ष के अंत में एक और सूर्य ग्रहण होगा। लोग पहली बार वलयाकार सूर्य ग्रहण देख सकेंगे। आगामी 21 जून को होने वाला सूर्यग्रहण 25 साल पहले घटित हुए 24 अक्टूबर 1995 के ग्रहण की याद दिलाएगा। उस दिन भी पूर्ण सूर्य ग्रहण के चलते दिन में ही अंधेरा छा गया था। पक्षी घोंसलों में लौट गए थे। हवा ठंडी हो गई थी। कंकणाकृति के ग्रहण के समय सूर्य किसी कंगन की भांति नज़र आता है, इसलिए इसे कंकणाकृति ग्रहण कहा जाता है। पिछली बार वर्ष 1995 के पूर्ण ग्रहण के समय ऐसा ही हुआ था। 21 जून को सूर्य के वलय पर चंद्रमा का पूरा आकार नजर आएगा। सूर्य का केन्द्र का भाग पूरा काला नजर आएगा, जबकि किनारों पर चमक रहेगी। इस तरह के सूर्य ग्रहण को पूरे विश्व में कहीं-कहीं ही देखा जा सकता है और अधिकांश जगह लोगों को आंशिक ग्रहण ही नजर आता है। 21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण मिथुन राशि में लगेगा। विशेष बात ये है कि इस ग्रहण में सूतक काल मान्य होगा जो कि ग्रहण से 12 घंटे पूर्व लगेगा। इस सूर्य ग्रहण के दिन 6 ग्रह वक्री होंगे। जो कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुभ नहीं माना जा रहा है। कंकणाकृति होने का अर्थ यह है कि कई मामलों में यह ग्रहण अनिष्‍टकारी प्रतीत हो रहा है।