कोरोना काल में लोकल में बढ़ी भीड़ देखकर चौंका रेल प्रबंधन
07 Nov 2020
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ब्यूरो रिपोर्ट/in24 न्यूज़/मुंबई
आर्थिक राजधानी मुंबई में लोकल ट्रेनों में यात्रियों की संख्या दस लाख यात्री प्रतिदिन के पार पहुंच गई है. इसी अनुपात में सेवाओं की संख्या भी बढ़कर 2,773 हो गई है. जिन स्टेशनों पर पहले ट्रेनें नहीं रुकती थीं, अब वहां भी रुकने लगी हैं. कुल मिलाकर हालात सामान्य हो रहे हैं, लेकिन स्टेशनों पर कतारों को देखकर रेलवे की चिंता बढ़ गई थी. इस स्थिति को देखते हुए रेलवे बोर्ड को पत्र भी लिखा गया था. आखिरकार, बोर्ड द्वारा स्टेशनों पर बंद पड़ीं ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन शुरू करने के आदेश रेलवे को मिल चुके हैं. सामान्य महिला यात्रियों को निश्चित अवधि में यात्रा की अनुमति देने के बाद लगभग हर स्टेशन पर टिकट खरीदने वालों की कतारें भी लगातार बढ़ती जा रही है लेकिन तमाम स्टेशन पर एटीवीएम मशीने बंद पड़ी हैं इसी के चलते टिकट लेने वाले यात्रियों की कतारें भी लगने लगी है. रेलवे बोर्ड के आदेश के मुताबिक स्टेशनों पर लगी एटीवीएम मशीनों को फैसिलिटेटर यानि एक सहायक के साथ शुरू किया जायेगा. इसका मकसद है कि जिन लोगों को यात्रा की अनुमति दी गयी है, सिर्फ उन्हें ही टिकट मिल सके. मशीनों से केवल उपनगरीय रूट के लिए टिकट उपलब्ध होंगे. बोर्ड ने अपने आदेश में लिखा है कि स्टेशनों पर लगी कितनी मशीनें और कौन सी मशीनें शुरू करनी है, इसका फैसला जोनल रेलवे द्वारा लिया जायेगा. गौरतलब है कि अभी केवल अतिआवश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों के अलावा वकीलों और महिलाओं को निश्चित समयावधि के लिए लोकल ट्रेनों में यात्रा की अनुमति दी गयी है.
रेल टिकट काउंटर्स पर भीड़ बढ़ने के बाद सबसे ज्यादा परेशानी रेलवे बुकिंग क्लर्क को हो रही है. इस मामले में कई बुकिंग क्लर्कों ने चिंता जाहिर की थी. उनका कहना था कि शुरुआत में पीआरएस काउंटर्स पर नोटों को यूवी मशीनों से स्कैन करने की सुविधा दी थी, लेकिन उपनगरीय स्टेशनों पर ये सुविधाएं पर्याप्त नहीं हैं. क्योंकि सुबह 11 बजे के बाद कतारें लंबी होने लगती हैं. ऐसे में नोट स्कैन करके टिकट बुक करने से समय ज्यादा लगता है. अब एटीवीएम शुरू होने के बाद रेलवे ये भी कर सकती है कि रेलवे परिसर या प्लेटफॉर्म से बाहर वाली मशीनों पर टिकट बुकिंग शुरू करके 11 बजे के बाद महिलाओं को स्टेशनों के अंदर सीधे एंट्री दी जा सकती है. लॉकडाउन से पहले मुंबई में 15 प्रतिशत टिकटों की बुकिंग यूटीएस ऐप और करीब 25 से 30 प्रतिशत टिकटों की बुकिंग एटीवीएम के जरिए होती थी. रेल प्रबंधन के मुताबिक 15 जून से केवल अतिआवश्यक सेवाओं वाले कर्मचारियों के लिए लोकल सेवाएं बहाल हुई थी. इन यात्रियों को क्यूआर कोड और पहचान पत्र दिखाने के बाद टिकट दिए जा रहे हैं, इसलिए अन्य वैकल्पिक सुविधाओं को शुरू नहीं किया गया लेकिन सामान्य महिला यात्रियों को अनुमति मिलने के बाद 21 अक्टूबर से अब तक पांच से छह लाख यात्रियों की संख्या बढ़ी है. फिलहाल तो मुंबईकरों को इंतज़ार है लोकल ट्रेनों के पूरी क्षमता के साथ संचालन का लेकिन कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है.