आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने उठाए जीडीपी ग्रोथ के आंकड़ों पर सवाल
27 Mar 2024
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने देश की इकोनॉमी के ग्रोथ रेट पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि भारत जीडीपी ग्रोथ के बारे में हाइप (प्रचार या बढ़ा-चढ़ाकर बताना) पर विश्वास करके बड़ी गलती कर रहा है। देश में अहम स्ट्रक्चरल समस्याएं हैं, जिन्हें ठीक करने की जरूरत है। चुनाव के बाद नई सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती वर्कफोर्स की शिक्षा और स्किल में सुधार है। यह साबित करने के लिए कि ग्रोथ वास्तविक है, हमें कई और वर्षों तक कड़ी मेहनत करनी होगी। यह एक ऐसी चीज है जिस पर राजनेता चाहते हैं कि आप विश्वास करें। वे चाहते हैं कि आप विश्वास करें कि हम पहुंच चुके हैं, लेकिन यह भारत के लिए एक गंभीर गलती होगी। दरअसल, दिसंबर तिमाही में भारत की विकास दर यानी जीडीपी ग्रोथ ने सारे अनुमानों को ध्वस्त कर दिया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस तिमाही के दौरान जीडीपी ग्रोथ की दर 8.4 फीसदी रही। वहीं, देश की इकोनॉमी के फ्यूचर को लेकर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आश्वस्त है। पीएम मोदी ने कई मौकों पर कहा है कि भारत अगले कुछ वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। वहीं, साल 2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था बन जाने का भी अनुमान है। हालांकि, रघुराम राजन ने पीएम मोदी के विकसित अर्थव्यवस्था वाले लक्ष्य को खारिज कर दिया और कहा कि इस बारे में बात करना बकवास है। रघुराम ने कहा कि भारत में वर्कफोर्स बढ़ रहा है, लेकिन यह तभी डिविडेंड की तरह है, जब वे अच्छी नौकरियों में कार्यरत हों। मेरे विचार से यह संभावित त्रासदी है जिसका हम सामना कर रहे हैं। भारत को वर्कफोर्स को अधिक रोजगार परक बनाने और अपने पास मौजूद कार्यबल के लिए रोजगार सृजित करने की जरूरत है। भारत को सतत आधार पर आठ फीसदी की विकास दर हासिल करने के लिए काफी काम करने की जरूरत है। बता दें कि अब सरकार को इस बारे में अपना पक्ष रखना होगा ताकि देश को सच्चाई का पता चल सके।