मुंबई को बजट में क्या मिला ?
02 Feb 2017
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ब्यूरो रिपोर्ट / in24 न्यूज़
भारत के वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को देश का आम बजट पेश किया। रेल बजट भी आर्थिक बजट का हिस्सा रहा जिसमे यात्रियों के लिए राहत सिर्फ इस बात को लेकर रहा कि आईआरसीटीसी के जरिये टिकट बुकिंग के दौरान यात्रियों को अब सरचार्ज नहीं देना होगा। मुंबई की लाइफलाइन कही जाने वाली लोकल रेल सेवा के लिए इस बजट में कुछ खास नहीं है। इसके अलावा इस बजट में न एक्सप्रेस गाड़ियां बढ़ाई गईं और न ही किराया बढ़ाया गया। साथ ही रेल सुरक्षा और यात्रियों की सुरक्षा के लिए 1 लाख करोड़ रुपये की घोषणा की गई है।
मुंबईकरों की आशा उस समय निराशा में बदल गयी जब एलिवेटेड कॉरिडोर, लोकल सेवाओं/ सुविधाओं में बढ़ोतरी, रेल टिकट आरक्षण, उत्तर भारत की ओर जाने वाली ट्रेनों की संख्या में इजाफा संबंधी घोषणा हुई। वित्त मंत्री ने रेलवे यात्रियों की सुरक्षा का ख्याल रखते हुए 1 लाख करोड़ रुपये का फंड बनाने का ऐलान किया है। इससे रेलवे में सुरक्षा को लेकर हर जरूरी इंतजाम किए जाएंगे। सरकार की तरफ से लगातार रेलवे सुरक्षा की बात की जाती है, लेकिन लगातार हो रही रेल दुर्घटनाओं ने सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। अब बजट में नए फंड का ऐलान कर वित्त मंत्री अरुण जेटली की तरफ से इस पर अमल करने का भरोसा दिया गया है।
इसके साथ ही रेलवे कंपनियों को शेयर बाजार में लिस्ट किया जाएगा। इसके तहत आईआरसीटीसी और इरकॉन भी शेयर बाजार में लिस्ट की जाएंगी। रेलवे इसके जरिए अधिक फंड जुटा सकता है। रेलवे कंपनियों को शेयर बाजार में लिस्ट किया जाएगा। इसके तहत आईआरसीटीसी और इरकॉन भी शेयर बाजार में लिस्ट की जाएंगी। रेलवे इसके जरिए अधिक फंड जुटा सकता है। बजट में यात्री सुरक्षा और सफाई के साथ सुविधा के नाम पर पुरानी ही योजना बायो टॉइलट की घोषणा की गई। 2019 तक हर ट्रेन में बायोटाइलेट लगाए जाएंगे। यात्रियों के लिए एक्सप्रेस ट्रेन में सीट मिलने पर कोई घोषणा नहीं की गई। इसके साथ ही कई पुरानी योजनाओं को नया चोला पहना कर पेश किया गया। चंद मिनटों में पेश हुए रेलवे बजट ने मुंबईकरों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। लोकल गाड़ियों की चपेट में आने से शहर और उपनगरों में हर साल 3000 से अधिक लोग अपनी जान गंवा देते हैं। ऐसे में 2020 तक ट्रेस पासिंग को खत्म करने का ऐलान मुंबईकरों के लिए हितकर साबित होगा। ज्ञात हो कि वर्ष 2016 में लोकल ट्रेनों की चपेट में आने से 3206 लोगों की जान गई थी।
इसके अलावा रेल बजट में जो कुछ भी बातें ख़ास थी उसमे यात्रियों की सुरक्षा को लेकर 1 लाख करोड़ रुपये के फंड की घोषणा की गयी। ई-टिकट, सर्विस चार्ज हटाने से रेल टिकट अब सस्ता होगा। नई मेट्रो रेल नीतियों पर काम किए जाने की घोषणा भी की गयी। लगभग 3500 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन बिछाई जाएगी और 7000 रेल स्टेशनों का कायाकल्प किया जायेगा जिसमे मुंबई डिविजन के 12 स्टेशन शामिल होंगे। तक़रीबन 500 स्टेशन विकलांगों की सुविधा के मुताबिक बनाए जाएंगे। साल 2020 तक मानवरहित क्रॉसिंग को समाप्त करने का प्रस्ताव है जिससे रेलवे को 55,000 करोड़ रुपये की सहायता मिलेगी। करीब 300 स्टेशनों पर लिफ्ट और एस्केलेटर्स लगाए जाएंगे और साल 2019 तक सभी ट्रेनों में बायो टॉयलट लगवाए जाएंगे।
अब आधार कार्ड का झंझट शुरू होगा। कोटे में इजाफा नहीं किया गया और टिकट के दाम भी नहीं कम किये गए।लोकल में भी आरक्षित सीट को लेकर सिर्फ घोषणा ही किया गया लेकिन कोई ठोस निर्णय अब तक निकल कर नहीं आया। लिफ्ट, एस्क्लेटर की सुविधा से यात्रियों को राहत मिलेगी वहीं दिव्यांग को शौचालय की परेशानी से राहत मिलेगी। चर्चा इस बात की भी है कि लोकल ट्रेनों में और भी दिव्यांगों के कोच बढ़ाये जाने चाहिए थे। यात्रियों के लिए खुशखबरी इस बात को लेकर है कि ई-टिकट पर जो सर्विस चार्ज खत्म किया गया।
सभी स्टेशनों पर वाई-फाई की सुविधा किये जाने के बाद यात्रियों का डेटा पैक बचेगा और अब यात्रीगण घर बैठे आसानी से टिकट हासिल कर सकेंगे। महिला सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए बजट के दौरान बेहतर घोषणा की गयी। महिला कोच में सीसीटीवी और आइने की सुविधा बेहतर तरीके से की जाएगी। केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने बजट की तारीफ करते हुए कहा कि आम बजट के साथ रेल बजट पेश करना, एक नए युग की शुरुआत है। इंफ्रा के कामों को इससे अधिक रफ्तार मिलेगी। कुलमिलाकर रेल बजट में जिन घोषणाओं की आस मुंबईकरों ने लगायी थी उस पर कहीं न कहीं उन्हें निराशा मिली।