पूनम यादव
/ in24 न्यूज़, मुंबई
अभी अप्रैल का महीना शुरू होने में दो दिन शेष हैं. लेकिन गर्मी ने अपने तेवर का ट्रेलर कुछ इस तरह से दिखाया है जिससे मई-जून के भीषण तपिश का अंदाज लगाना नामुमकिन नहीं। अभी से देश के कई हिस्सों में गर्मी ने अपना कहर बरपाना शुरु कर दिया है, जिससे पारा 40 डिग्री के पार पहुंच गया है. मुंबई में मंगलवार के दिन का तापमान 38 डिग्री दर्ज किया गया, तो वहीँ महाराष्ट्र के भीरा में पारा 46.5 डिग्री रिकॉर्ड दर्ज किया गया जो इस मौसम का सबसे गर्म दिन था।
1901 के बाद अभी तक 2016 सबसे ज्यादा गर्म साल रहा है. पिछले साल देशभर में गर्मी से 1600 से अधिक लोगों के मरने की खबर आई थी.मौसम विभाग के मुताबिक, इनमें से 700 से अधिक मौतें सिर्फ लू लगने से हुईं थीं. तो वहीँ आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में सबसे अधिक 400 लोग मारे गए थे। पुणे मौसम विभाग के मुताबिक, इस साल पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, वेस्ट बंगाल, ओडिशा और तेलंगाना में सामान्य से अधिक तापमान रह सकता है. महाराष्ट्र के मराठवाड़ा, महाराष्ट्र-विदर्भ और कोंकण के तटीय इलाकों में औसत से ज्यादा गर्मी पड़ सकती है
वैज्ञानिकों के शोध बताते हैं कि देश का न्यूनतम तापमान तेजी से बढ़ रहा है और आने वाले सालों में यह और भी ज्यादा तेजी से बढ़ता दिखाई देगा. एक अनुमान के मुताबिक अगले चार साल में न्यूनतम तापमान 0.9 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है. दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि वर्ष 2050 तक न्यूनतम तापमान 2.3 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाएगा. ग्लोबल वार्मिंग ज्यादा गर्मी पड़ने की एक सबसे बड़ी वजह है. वैज्ञानिकों ने न्यूनतम तापमान बढ़ने के जो कारण बताए हैं, उनमें ग्रीनहाउस गैसों का ज्यादा सक्रिय होना है. रात में ये गैसें इंफ्रारेड किरणें ज्यादातर सोखती हैं, जिससे तापमान बढ़ जाता है।
खैर , जब मार्च के अंत में गर्मी ने यूँ कहर बरपाया है तो मई जून में लोगो की क्या हालत होगी इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है !