नोटबंदी आर्थिक सुधार का पहला कदम: अरुण जैटली
07 Nov 2017
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ब्यूरो रिपोर्ट / in24 न्यूज़
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को नोटबंदी की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि देश की अर्थव्यवस्था और देश के व्यापक हित के लिए देश में स्टेटस को बदलना था। उन्होंने बताया कि पुरे देश की जीडीपी में 12 प्रतिशत ही कॅश हो ना की 86 फीसदी, साथ ही उन्होंने बताया जो टैक्स देता है उस पर बोझ ज्यादा रहता है और जो नहीं दे रहा उसका भी खर्चा उसे उठाना पड़ता है क्योंकि देश के चलाने के लिए पैसा तो चाहिए। ऐसे में यह एक प्रकार का अन्याय है क्योंकि जो साधन गरीब के कल्याण के लिए खर्च होना है वह साधन संपन्न व्यक्ति अपनी जेब में रख लेता है और इसी कारण से अर्थव्यवस्था में यह भ्रष्टाचार का एक केंद्र और कारण होता है।
इस लिए जब से एनडीए की सरकार बनी इस पर रोक के लिए कदम उठाए और एसआईटी का गठन, विदेशों से बदले नियम आदि चीजों पर काम किया गया। इसके साथ ही तमाम खर्चों पर नजर रखना, बेनामी कानून लाना, अप्रत्यक्ष कर के सिस्टम को बदलना आदि काम कर सरकार ने कदम उठाए, जिसके परिणाम पिछले सालों में देखा गया। जेटली ने कहा कि पिछले एक वर्ष में संसाधन की उपलब्धता बढ़ी है, बैंकों और बाजारों में पैसा बढ़ा है जो देश के अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे संकेत है। नोटबंदी से कैशलेस इकॉनमी की ओर बढ़ने का प्रयास है और इस वर्ष टैक्स देने वालों की संख्या तेजी से भी बढ़ी।
उन्होंने कहा कि किसी भी लोकतांत्रिक देश में इसकी आलोचना करने वाले भी होंगे जिसका एक तर्क यह है कि लोगों ने बैंकों में सारा पैसा डिपोजिट कर दिया और यह अच्छी बात है कि बैंक में आने से यह पता चलता है कि इसकी मलकियत किसकी है यह पता चल जाता है। 1.8 मिलियन लोगों ने पैसा ऐसा दिया है जो उनकी आय से ज्यादा है जिन्हे अब आईटी में जवाब देना पड़ा जिससे उनके शेल कंपनियों का पता चला। जेटली ने कहा कि जिस गति के साथ रीमोनेटाइजेशन किया गया वह अपने आप में एक मिसाल रहा जिसने पूरे विश्व में इतनी सरलता से इतनी बड़ी रकम को बदला लिया।