दिल्ली सरकार और एलजी के बिच तनातनी जारी
10 Nov 2017
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ब्युरो रिपोर्ट/ in24 न्यूज़
राजधानी में उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच अधिकारों व शक्तियों पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई। आप सरकार ने संविधान पीठ के सामने यह दलील पेश की, कि एलजी के पास कोई अधिकार नहीं है और वह लोकतंत्र का मजाक बना रहे हैं। आपको बता दे कि इस मामले की अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी। आप सरकार ने यह दलील दी कि एलजी बिना किसी अधिकार के चुनी हुई सरकार के फैसले में फेरबदल कर रहे हैं।
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के सामने दिल्ली सरकार ने दलील दी कि किसी भी मसले पर सरकार और एलजी के बीच मतभेद होने की स्थिति में राष्ट्रपति या दिल्ली सरकार या मंत्रिपरिषद के पास निर्णय का अधिकार होता है। ऐसे में दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पी. चिदंबरम पेश हुए और उन्होंने दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार अधिनियम समेत अन्य विधानों का हवाला देते हुए यह दलील दी कि, एलजी को सहयोग और सलाह पर काम करना चाहिए और अगर मतभेद की स्थिति आती है तो उस समय राष्ट्रपति निर्णय लेंगे और उपराज्यपाल के पास कोई अधिकार नहीं है।
इस मामले में दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट के उस फैसले का भी उल्लेख किया जिसमें एलजी को दिल्ली का प्रशासनिक प्रमुख होने का फैसला दिया था। वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि हर मामले में एलजी कह रहे हैं कि सरकार को कोई अधिकार नहीं है और वह खुद निर्णय लेंगे।
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