ब्यूरो रिपोर्ट / in24 न्यूज़
केंद्रीय पर्यावरण विभाग ने मुंबई के 'महापौर निवास' को 'स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे स्मारक' बनाने की मंजूरी अभी तक नहीं दी, इसपर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सफाई देते हुए कहा कि, मंजूरी प्रक्रिया अभी अंतिम चरण में हैं। मुख्यमंत्री ने यह आश्वासन दिया हैं कि दुनिया के लिए प्रेरणादायक स्मारक का निर्माण जल्दी ही किया जाएगा और इसके निर्माण के लिए सरकार हर संभव मदद देगी। आपको बता दें कि, बालासाहेब ठाकरे स्मारक अरब सागर के किनारे स्थित महापौर निवास में बनाया जाएगा।
शुक्रवार को दादर के शिवाजी पार्क मैदान स्थित बालासाहेब ठाकरे स्मृति स्थल पर मुख्यमंत्री फडणवीस, उद्धव ठाकरे व उनके परिजन, लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष मनोहर जोशी, राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील, महापौर विश्वनाथ महाडेश्वर समेत कई मंत्री व नेता मौजूद थे जहां सभी ने बाल ठाकरे को श्रद्धांजलि अर्पित की। स्मृतिदिन पर बड़ी संख्या में शिवसैनिक श्रद्धांजलि देने आए और इस मौके पर मुख्यमंत्री फडणवीस और उद्धव ठाकरे ने शिवाजी पार्क स्थित महापौर बंगले में बालासाहेब ठाकरे राष्ट्रीय स्मारक के संकेत स्थल का लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के बिना महाराष्ट्र की कल्पना ही नहीं की जा सकती। लोग इस स्मारक के रूप में प्रदेश का सामाजिक और राजनीतिक मूल्य देख सकेंगे। दिवंगत शिवसेना प्रमुख ने अपने विचारों से लाखों लोगों को प्रेरणा दी थी। उनके स्मारक में विचार और प्रेरणा का दर्शन होगा और डीजिटल प्रणाली के जरिये संकेत स्थल से पूरी दुनिया में संदेश भेजा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि स्मारक निर्माण के लिए भले ही ट्रस्ट बनाया गया हो, लेकिन जो भी आवश्यकता होगी, वह सभी मदद राज्य सरकार देगी, साथ ही उन्होंने बताया कि किसानों से बालासाहेब ठाकरे का अलग रिश्ता था और यह सरकार उनके विचारों पर चलने वाली सरकार है। किसानों के संपूर्ण कर्जमाफी की मांग करने वाली शिवसेना ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री किसान सहायता कोष में 2 करोड़ रुपये जमा कराए।
इसके अलावा ग्राम पंचायत से लेकर, विधायकों, सांसदों तक पार्टी के जनप्रतिनिधियों ने अपनी एक महीने की कमाई भीदान कर दी साथ ही शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने अलग से 10 लाख रुपये दिए। इस राशि के लिए मुख्यमंत्री फडणवीस ने उद्धव ठाकरे और शिवसेना का आभार माना। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे विश्वास का वातावरण तैयार होगा। किसानों को भी यह संदेश जाएगा कि सरकार उनके साथ खड़ी है।