महाराष्ट्र में प्रतिदिन 8 किसान करते हैं आत्महत्या !
24 Nov 2017
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सौम्य सिंह/in24 न्यूज़
किसानों की कर्जमाफी को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने पहले ही 34000 करोड़ रूपए का क़र्ज़ माफ़ कर दिया है, बावजूद इसके महाराष्ट्र में बीते 10 महीनों में 2414 किसानों ने आत्महत्या की है , अगर औसतन देखा जाए तो प्रतिदिन 8 किसान सिर्फ महाराष्ट्र में आत्महत्या करते हैं। किसानो की आत्महत्या पर सियासत काफी होती है लेकिन जमीनी हकीकत से राजनीतिक पार्टियां अब भी कोसों दूर हैं , कांग्रेस का कहना है कि," भाजपा-शिवेसना के राज में किसानो की आमहत्या उनकी बदहाली दर्शाती है और आत्महत्या की संख्या इनके शासन में काफी हद तक बढ़ी है।
भाजपा की ओर से राज्य के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने कहा कि," जब कांग्रेस सत्ता में मौजूद थी हमने भी किसानों के हित में कई आंदोलन किए फिर चाहे वो किसानों को उचित मूल्य दिलाने को लेकर हो या फिर उनकी फसल बर्बाद होने को लेकर "। किसानो की आत्महत्या पर लगाम लगाने के लिए जलयुक्त शिवार जैसे कई योजनाओं की घोषणा की साथ ही सूबे के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 89 लाख किसानो को 34000 करोड़ की कर्जमाफी का ऐलान किया था, लेकिन वह बेअसर साबित हुआ।
राज्य के राजस्व विभाग से मिली सुचना के मुताबिक़ बीते 10 महीनों में 2414 किसानों ने आत्महत्या की है , जिसमे से करीब 1277 किसानों को सरकारी मदद का लाभ मिल चूका है, लेकिन बचे 1137 किसानो को इसका लाभ नहीं मिल पाया क्योंकि सरकार द्वारा जारी किए मापदंडो पर वह खरे नहीं उतर पाए और उन्हे अपात्र ठहराया गया।
इस संबंध में कृषि स्वावलंबन मिशन के अध्यक्ष वसंतराव नाईक ने जानकारी देते हुए कहा कि," इस आरोप प्रत्यारोप से ज्यादा हमे किसानों की बदहाली पर गौर करना चाहिए क्योंकि, सिर्फ मुख्यमंत्री को इस मामले में दोषी ठहराना उचित नहीं होगा साथ ही उन अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी होगी जिनकी वजह से कर्जमाफी का लाभ किसानों तक नहीं पहुंच पाया "। बहरहाल इस आरोप प्रत्यारोप में किसानों की आत्महत्या थमेगी या नहीं यह तो वक़्त बताएगा ,लेकिन एक बात साफ़ हो चुकी है की इस मुद्दे को लेकर सियासत काफी गरमा गई है।