व्यापम के बाद 3000 करोड़ का महाघोटाला

 06 Sep 2018  1061
संवाददाता/in24 न्यूज़। मध्यप्रदेश में व्यापम घोटाले के बाद शिवराज सरकार में एक और घोटाला सामने आया है. शिवराज सिंह चौहान के लिए विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ये घोटाला गले की फांस बन सकता है. एक समाचार पत्र के अनुसार एमपी में ई-टेंडर प्रक्रिया में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है. ये गड़बडी ऑनलाइन टेंडर देने की प्रक्रिया में की गई है. ई-टेंडर की प्रक्रिया में कुछ प्राइवेट कंपनियों को सीधे तौर पर लाभ पहुंचाने की बातें सामने आई है. ईटी की जांच में पता चला है कि मध्यप्रदेश जल निगम ई-टेडर के लिए आंतरिक तौर पर इनक्रिप्टेड डॉक्यूमेंट में बदलाव किया गया. जांच में पता चला है कि प्राइवेट कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए ये फेरबदल किए गए. गौरतलब है कि इसके ऑनलाइन कॉन्ट्रैक्ट इस साल मार्च में खोले गए थे. इसके बाद इस नीलामी में हिस्सा लेने वाली एक बड़ी टेक्नोलॉजी और इंजीनियरिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी ने भी ई-टेंडर प्रक्रिया पर ऐतराज जताया था. MPJNL के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन से मदद मांगी थी कि कैसे सुरक्षित इंफ्रास्ट्रक्चर में सेंध लगी. एमपीएसईडीसी के एमडी मनीष रस्तोगी ने इस मामले की आंतरिक जांच की. जांच में रस्तोगी ने पाया कि राजगढ़ और सतना जिले में ग्रामीण पानी की सप्लाई स्कीम के 3 कॉन्ट्रैक्ट में फेरबदल कर हैदराबाद की 2 कंपनियों और मुंबई की 1 कपनी को सबसे कम बोली लगाने वाला बनाया गया.