भाजपा के ख़िलाफ़ गठबंधन का बिगुल

 17 Sep 2018  1061
in24न्यूज / मुम्बई - आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी पार्टी भाजपा को हराने के लिए जहा महागठबंधन को लेकर चर्चा जोरशोर से शुरू है वही महाराष्ट्र में ऑल इंडिया मजलिस-ए इत्तेहाद-उल मुस्लिम ( एमआईएम )और भारिपा बहुजन महासंघ (बीबीएम) के बीच गठबंधन की कवायद शुरू हो गयी है. दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन को लेकर सकारात्मक चर्चा हुयी है जिसकी जानकारी एआईएमआईएम के अध्यक्ष ओबैसी ने दी और कहा कि आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव को देखते हुये बीबीएम के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर आने वाले 2 अक्टूबर को औरंगाबाद में एक जनसभा को संबोधित करेंगे और मेरी मौजूदगी में बड़ी संख्या में शामिल दोनों पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच गठबंधन की औपचारिक घोषणा की जायेगी, वहीँ गठबंधन को लेकर औरंगाबाद के स्थानीय विधायक इम्तियाज जलील ने कहा कि बीते 70 सालों से उपेक्षित दलित मुस्लिम और अन्य पिछड़े समाज के लोगों को एक साथ लाने के लिए दोनों पार्टियों का गठबंधन होना बेहद ज़रूरी है। क्योंकि इस समुचित समाज का राजनीति में प्रतिनिधित्व करने के लिए कोई नहीं है. दूसरी तरफ बीबीएम के पूर्व विधायक हरिभाऊ भाले ने कहा कि दलित, मुस्लिम और अन्य पिछड़ा वर्ग मुख्यधारा की पार्टियों से परेशान हैं. वहीँ इन दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन को लेकर चल रही बातचीत अभी थमी नहीं कि प्रदेश की कई राजनीतिक पार्टी ने इनके गठबंधन पर सवाल खड़ा करना शुरू कर दिया है. गठबंधन को लेकर राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा, नांदेड़ में पिछले वर्ष हुये स्थानीय चुनाव में इन प्रयोगों को खारिज कर दिया गया था. मलिक ने दावा किया कि इस तरह का राजनीतिक प्रयोग कोई फायदा नहीं दे सकता, क्योंकि लोग जानते हैं कि क्या करना है. वे भाजपा और शिवसेना के एक विकल्प को प्राथमिकता देंगे और राज्य में यह गैरप्रभावी रहेगा। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सचिन सावंत ने गठबंधन पर सवाल उठाते हुए कहा कि आंबेडकर का साम्प्रादायिक पार्टियों के साथ गठबंधन करना दुर्भाग्यपूर्ण है वो भी एक ऐसी पार्टी है जो पार्टी भाजपा द्वारा समर्थित है. वहीँ एनडीए की सहयोगी दल शिवसेना ने दोनों पार्टियों के गठबन्धन को लेकर कड़ा विरोध जताया और अपने मुखपत्र सामना के जरिये दोनों दलों को भाजपा का सहयोगी बताते हुये कटाक्ष किया कि आगामी चुनाव में हार के डर से भाजपा दलित और मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण करनेवाली राजनीतिक पार्टियों से मदद लेना चाहती है।