पेरिस ओलंपिक 2024: मनु भाकर ने रचा इतिहास, लगातार दूसरा मेडल जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी
30 Jul 2024
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भारत की स्टार शूटर मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक 2024 में इतिहास रच दिया। वह ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली देश की पहली महिला निशानेबाज बनीं। निशानेबाज मनु ने पहले महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल में कांस्य पदक जीता। वहीं अब मनु ने मंगलवार (30 जुलाई) को सरबजोत सिंह के साथ मिश्रित टीम की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा के फाइनल में भारत के लिए एक और कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया। भारतीय एथलीट मनु भाकर और सरबजोत सिंह ने बॉन्ज मेडल जीतने के लिए कोरिया की टीम को हराया। उन्होंने इस मुकाबले को 16-10 के अंतर से अपने नाम किया। इसी के साथ भारत के नाम अब ओलंपिक 2024 में कुल दो मेडल हो गए हैं। ये दोनों ही मेडल ब्रॉन्ज हैं। 30 जुलाई का दिन भारत के साथ-साथ मनु भाकर के लिए भी ऐतिहासिक रहा। मनु भाकर ने मेडल जीतने के साथ ही एक बहुत बड़ा रिकॉर्ड बना डाला है।
हालांकि मनु भाकर से पहले, नॉर्मन प्रिचर्ड ने साल 1900 में एथलेटिक्स खेल में दो रजत पदक जीते थे। इस दौरान भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था। दिलचस्प बात यह है कि प्रिचर्ड के बाद कोई भी भारतीय खिलाड़ी एक ही ओलंपिक में दो पदक नहीं जीत सका। हालाँकि, कुछ भारतीय एथलीट ऐसे भी हैं जिन्होंने अपने करियर में अलग- अलग ओलंपिक प्रतियोगिता में कुल दो पदक जीते हैं। इनमें सुशील कुमार (कुश्ती) और पीवी सिंधु (बैडमिंटन) शामिल हैं। सुशील कुमार ने साल 2012 में रजत पदक जीतने से पहले बीजिंग 2008 खेलों में कांस्य पदक जीता था। ऐसा करने पर, वह आज़ादी के बाद दो अलग-अलग ओलंपिक में एक से अधिक पदक जीतने वाले भारत के पहले व्यक्तिगत एथलीट बने थे।
बैडमिंटन खिलाड़ी सिंधु ने रियो ओलिंपिक में सिल्वर मेडल जीता था। इसके बाद वह फाइनल में स्पेन की कैरोलिना मारिन से हार गईं थी। यह पहली बार था जब भारत ने ओलंपिक बैडमिंटन में रजत पदक जीता था। सिंधु ने बाद में टोक्यो 2020 में कांस्य पदक जीता। सिंधु एकमात्र भारतीय महिला एथलीट हैं जिन्होंने ओलंपिक में कई पदक जीते हैं। हालाँकि, सिंधु ने यह उपलब्धि दो अलग-अलग वर्षों में हासिल की है। हालांकि निशानेबाज मनु भाकर की उपलब्धि सुशील और सिंधु से काफी अलग है क्योंकि वह आजादी के बाद एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनीं है। इस बीच निशानेबाज मनु भाकर ने 25 मीटर पिस्टल प्रतियोगिता में हिस्सा लिया है और मनु भाकर को पदक जीतने का एक और मौका मिला है।