टेक्निकल कोर्स अब कॉरेस्पोंडेंस मोड से नहीं: सुप्रीम कोर्ट
03 Nov 2017
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ब्यूरो रिपोर्ट/in24 न्यूज़
सुप्रीम कोर्ट ने कॉरेस्पोंडेंस कोर्स को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया है, कोर्ट का यह आदेश है कि अब कोई भी टेक्निकल कोर्स कॉरेस्पोंडेंस मोड से नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा हाई कोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए कहा है कि तकनीकि शिक्षा, दूरस्थ पाठ्यक्रम और माध्यम से नहीं उपलब्ध कराया जा सकता है। इससे पहले ओडिशा हाई कोर्ट ने टेक्निकल कोर्सेस को कॉरेस्पोंडेंस मोड से कराने की मंजूरी दी थी। आपको बता दें कि इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, फार्मेसी, मेडिकल समेत कई ऐसे कोर्सेस हैं जिसे टेक्निकल कोर्स कहा जाता है और इनके कॉरेस्पोंडेंस मोड पर कोर्ट ने रोक लगा दी।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के उस फैसले पर भी अपनी संतुष्टि जाहिर की है जिसमें दो साल पहले हाई कोर्ट ने कम्प्यूटर साइंस में कॉरेस्पोंडेंस माध्यम से ली गई डिग्री को रेग्यूलर मोड में ली गई कम्प्यूटर साइंस की डिग्री को एक समान मानने से इनकार कर दिया था।
आपको बता दें कि देश में तकनीकि पाठ्यक्रमों और कोर्सेस को चलाने के लिए अखिल भारतीय तकनीकि शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) से मंजूरी लेना अनिवार्य है, क्योंकि सभी तरह के तकनीकि कोर्सेस चलाने वाले सरकारी और गैर सरकारी संस्थान एआईसीटीई के नियमों के मुताबिक ही संचालित होते हैं। केंद्र सरकार की यही संस्था सभी तकनीकि शिक्षण संस्थानों जो इंजीनियरिंग डिग्री, इंजीनियरिंग डिप्लोमा, फार्मेसी या मैनेजमेंट का कोर्स चलाते हैं और उन्हें रेग्यूलेट करती है।
गौरतलब है कि एआईसीटीई देशभर के इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए एक नया संशोधित सिलेबस तैयार कर रही है, और यह माना जा रहा है कि अगले शैक्षणिक सत्र से नया सिलेबस लागू कर दिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक नए पाठ्यक्रम को मानव संसाधन विकास मंत्रालय से भी मंजूरी मिल चुकी है। सिलेबस में परिवर्तन करने का मकसद इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे छात्रों को नई टेक्नोलॉजी से परिचय कराने के साथ उन्हें रोजगार के अधिक मौके उपलब्ध कराना है क्योंकि भारत में काफी समय से इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव नहीं हुआ है।
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